Sunday, April 28, 2024
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भारतीय सिनेमा के विकास के लिए ऑस्ट्रेलिया की प्रांतीय सरकार ने 30 लाख डॉलर का कोश बनाया

मेलबर्न। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के प्रयास में ऑस्ट्रेलिया के प्रांत विक्टोरिया के प्रीमियर डैनियल एंड्रयूज ने शनिवार को 30 लाख डॉलर की रकम से भारतीय सिनेमा आकर्षण कोष स्थापित करने की योजना की घोषणा की, ताकि ज्यादा से ज्यादा भारतीय फिल्म निर्माता उनके प्रांत में अपनी फिल्मों की शूटिंग कर सके।

बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी के साथ मंच साझा करते हुए एंड्रयूज ने कहा कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव से परे, एक “गहन आर्थिक अवसर और भारत और ऑस्ट्रेलिया को नजदीक लाने का तरीका होगा।” इससे पहले रानी मुखर्जी ने यहां फेडरेशन स्क्वायर में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराया। एंड्रयूज ने भारतीय फिल्म निमार्ताओं से आग्रह करते हुए कहा, “मुझे यह घोषणा करने पर गर्व है कि विक्टोरियाई सरकार 30 लाख डॉलर से भारतीय सिनेमा आकर्षण वित्त कोष बनाएगी, जिससे अगले तीन वर्षों कम से कम चार फिल्मों की शूटिंग यहां होने की योजना बनाई जाएगी।

फिल्म विक्टोरिया पहले से ही भारत के सबसे बड़े प्रोडक्शन स्टूडियो के साथ मिलकर काम कर रही है, और विक्टोरिया में भारतीय फिल्मों की शूटिंग के खर्च का 25 फीसदी तक अनुदान प्रदान कर रही है। विक्टोरिया सरकार द्वारा यहां आयोजित भारतीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफएम) में इस नए निवेश की घोषणा की गई, जिससे स्थानीय फिल्म उद्योग में वृद्धि होने और राज्य में स्थानीय नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है, जहां ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी भारतीय समुदाय रहती है।

विक्टोरिया ने इससे पहले कई भारतीय फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है, जिसमें ‘चक दे इंडिया’, ‘भाग मिल्खा भाग’ और ‘सलाम नमस्ते’ प्रमुख है। रानी यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराने के समारोह में ‘बॉलीवुड नायिका की सच्ची परंपरा’ का अनुकरण करते हुए कंपकपाती ठंड में भी शिफॉन साड़ी पहनी हुई थी। उन्होंने इस दौरान कुछ गानों की लाइनें गुनगुनाई। उन्होंने “छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी, नए दौर में लिखेंगे हम मिलकर नई कहानी, हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी” गीत की कुछ पंक्तियां भी सुनाई। रानी ने कहा, “मैं अपने पिता को बहुत याद करती हूं।

खासतौर से इस तरह के दिनों में क्योंकि उन्होंने ‘लीडर’ और ‘हम हिंदुस्तान’ जैसी फिल्में बनाईं, जिनमें देशभक्ति की भावना बहुत अधिक थी। मुझे उम्मीद है कि यह नई पीढ़ियों के साथ आगे बढ़ेगा। बारिश, ठंड और तेज हवाओं के बावजूद फेडरेशन स्क्वायर में भारतीयों और गैर-भारतीयों की बड़ी भीड़ उमड़ी थी, जो यहां रंग, नृत्य, संगीत और उत्साह का जश्न मनाने आए थे, जिसके लिए भारत को दुनिया भर में जाना जाता है।

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