लखनऊ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 दिसंबर को गांधी परिवारके गढ़ रायबरेली में पहली रैली करने जा रहे हैं। इसी बीच खबर है कि बीजेपी आम आदमी पार्टी के बागी नेता कुमार विश्वास या फिर सोनिया गांधी के पूर्व विश्वासपात्र दिनेश सिंह को 2019 लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के खिलाफ उतार सकती है। रायबरेली में ब्राह्मण और ओबीसी (कुर्मी पटेल) की संख्या लगभग बराबर है। एक ओर कुमार विश्वास ब्राह्मण हैं तो दिनेश सिंह, जो एमएलसी भी हैं वह ग्रामीण इलाके में लोगों के बीच लोकप्रिय हैं।
बता दें कि गांधी परिवार की घरेलू सीट रायबरेली और अमेठी पर बीजेपी की पहले से नजर रही है। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी, मनोज सिन्हा और अरुण जेटली लोक-लुभावन घोषणाओं का ऐलान कर अमेठी और रायबरेली के लिए उदारता दिखा चुके है। कुमार विश्वास खुद भी 2014 लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट से अमेठी से चुनाव लड़ चुके हैं। दिनेश सिंह ने बताया, ‘मैंने अमेठी में सलोन और तिलोई विधानसभा सीटों पर काफी काम किया है। मैं वहां एमएलसी भी रह चुका हूं। मैंने कांग्रेस के वफादार सिपाही की तरह रायबरेली में काम किया लेकिन किसी प्रॉजेक्ट के लिए गांधी परिवार के सदस्यों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। इस वजह से मैंने बीजेपी जॉइन की और मुझे खुशी होगी कि अगर मुझे टिकट दिया जाएगा।’
यूपी बीजेपी के एक उच्च अधिकारी ने बताया, ‘हमने रायबरेली के लिए कुछ नाम शॉर्टलिस्ट किए हैं। इसमें कुमार विश्वास, दिनेश सिंह, रीता बहुगुणा जोशी और विनय कटियार के नाम हैं।’ पार्टी सूत्रों का कहना है कि कुमार विश्वास और रीता बहुगुणा को ब्राह्मण वोटों को लुभाने के आधार पर मुख्य दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं, विनय कटियार जिन्हें 2006 रायबरेली उपचुनाव में सोनिया गांधी के 4 लाख से ज्यादा वोटों की तुलना में महज 19 हजार वोट मिले थे, उन्हें बजरंग दल और वीएचपी कार्यकर्ता का समर्थन मिला है। पीएम मोदी के रायबरेली दौरे की चर्चा तब हो रही है जब बीजेपी सोनिया और राहुल के गढ़ रायबरेली, अमेठी में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। यूपी बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि मोदी यहां स्थित मॉडर्न कोच फैक्ट्री और प्रस्तावित एम्स का दौरा करने के साथ जनसभा को भी संबोधित कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री का प्रस्तावित रायबरेली दौरा राजनीतिक मायनों में बेहद अहम होगा। बीजेपी लंबे समय से कांग्रेस के गढ़ अमेठी और रायबरेली पर नजर गड़ाए है और मोदी कैबिनेट की केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी हर दूसरे-तीसरे महीने अमेठी आती रहती हैं। स्मृति 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ उतरी थीं। सोनिया गांधी अपनी सेहत के चलते रायबरेली ज्यादा नहीं आ पाती हैं। आखिरी बार वह अप्रैल महीने में आई थीं और उससे पहले 2016 के मध्य में। यूपी के विधानसभा चुनाव के दौरान भी वह रायबरेली प्रचार करने नहीं आई थीं। हालांकि उनकी बेटी प्रियंका गांधी ने कहा है कि सोनिया 2019 में भी रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी।
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से