राजनांदगाँव । शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय में दिग्विजय कालेज के हिंदी विभाग के राष्ट्रपति सम्मानीय प्राध्यापक और प्रख्यात मोटिवेशनल वक्ता डॉ. चन्द्रकुमार जैन ने उत्साहवर्धक अतिथि व्याख्यान देकर विद्यार्थियों में नया जोश भर दिया ।
प्राचार्य और आयोजन की प्रेरणास्रोत डॉ. गंधेश्वरी सिंह तथा स्टाफ ने अतिथि वक्ता डॉ.जैन का शाल, श्रीफल और पुष्प गुच्छ से आत्मीय सम्मान करते हुए भाषा और व्यक्तित्व निर्माण पर उनके संबोधन व मार्गदर्शन को प्रकाश स्तंभ की तरह निरूपित किया । साइंस कॉलेज के सभी प्राध्यापकों, स्टाफ सहयोगियों तथा कमला कालेज के भी अभ्यागत प्राध्यापकों की गरिमामय उपस्थिति में कार्यक्रम का सरस और सफल संयोजन कर डॉ.नागरत्ना गनवीर ने डॉ. चंद्रकुमार जैन की बहुआयामी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला ।
प्रमुख अतिथि वक्ता डॉ. चंद्रकुमार जैन ने व्याख्यान को चार बातों पर केंद्रित किया । अभिप्रेरण, भाषा, व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता का विकास । उन्होंने कहा कि जीवन में सबसे पहले अपने उद्देश्य के अनुरूप प्रेरणा के प्रदीप चुनें। नकारात्मक बातों और लोगों के प्रति रिएक्ट करने के बजाय उन्हें हर दृष्टि से रिजेक्ट कर दें । सधी हुई भाषा के मालिक बनना हो तो अच्छा लिखने, बोलने और निराले अंदाज में अपनी बात कहने वालों के कद्रदान बन जाएं । व्यक्तित्व में प्रभाव पैदा करना हो तो बेबात या बेवज़ह के किसी भी प्रवाह में बहना बंद कर दें, यानी भीतर से मजबूत बनें । मौलिक बनें । अपना किरदार खुद बनाएं । इसी तरह, डॉ. जैन ने कहा कि नेतृत्व क्षमता के अधिकारी बनना है तो अपने मंसूबे साफ और इरादे बुलंद रखें । भरोसेमंद इंसान की लीडरशिप देर तक और दूर तक चलती है । धोखे और झूठे दिखावे का नेतृत्व, धीरे-धीरे ख़ुद दम तोड़ दे तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए । भ्रम संभव भले ही हो पर उसका सच्चा असर तो संभव ही नहीं है।
डॉ. जैन के व्याख्यान के दौरान विद्यार्थियों के साथ ही स्वयं प्राचार्य डॉ. गंधेश्वरी सिंह तथा प्राध्यापक मित्रों ने भी दिल से लगाव और सदभाव का परिचय देते हुए आयोजन को यादगार बना दिया । संस्था परिवार ने उनका आभार माना । डॉ. जैन ने भी साइंस कॉलेज की सतत प्रगति और विद्यार्थियों की लगन की मुक्त हृदय से सराहना की और कॅरियर के लिहाज़ से भाषा और अभिव्यक्ति के मद्देनज़र हरसंभव निःस्वार्थ सहयोग व मार्गदर्शन देने का विनम्र वचन दिया ।