राजनंदगांव । छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी राजनांदगांव के राष्ट्रपति सम्मानित प्राध्यापक डॉ. चन्द्रकुमार जैन ने कहा कि गांधी जी ने लोक के साथ घुल – मिलकर अध्यात्म को भी साध लिया । यही कारण है कि राष्ट्र के लिए वे राष्ट्रपिता हैं किंतु जन-मन के भीतर बहुत गहराई में बसे महात्मा है । सरस और काव्यमय संबोधन में डॉ. जैन ने कहा –
गांधी अपने युग की भाषा
गांधी अपने युग का पानी
सदियों में जो बन पाती है
गांधी ऐसी अमर कहानी
गांधी वो दर्पण है जिसमें
हर दर्शन ने मुंह देखा है
प्रकाश जिसको ढूंढा करता
गांधी वो श्यामल रेखा है
डॉ. जैन ने अतिथि व्याख्यान के साथ-साथ गांधी जी पर एकाग्र रोचक कवि गोष्ठी में सुमधुर छत्तीसगढ़ी गीत सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया । उल्लेखनीय है कि बहुआयामी ज्ञानानुशासनों के अतिरिक्त डॉ. चन्द्रकुमार जैन ने अखिल भारत स्तर पर विशेष योग्यता के साथ एमजीपीएस ( मास्टर इन गांधी एन्ड पीस स्टडीज़) की उपाधि भी अर्जित की है । आयोजन में उनके व्याख्यान में उनके अध्ययन तथा उनकी वाग्मिता की झलक स्पष्ट अनुभूत होती रही ।