‘द प्रिंट’ की एक खबर को लेकर वेबसाइट के एडिटर-इन-चीफ और वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता की फजीहत हो गई है। । हालांकि, उन्होंने खबर में हुई गलती पर खेद प्रकट किया, लेकिन इसका कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है। जिस प्रोफेसर वशी मंत शर्मा से शेखर गुप्ता ने माफी मांगी उन्होंने शेखर गुप्ता को माफ करने से इंकतार कर दिया है।
आईआईटी कानपुर के जिस प्रोफेसर ने फैज की नज्म ‘हम देखेंगे‘ गाने वाले छात्रों के खिलाफ पिछले महीने शिकायत दर्ज कराई थी, वह वशी शर्मा ही हैं। शेखर गुप्ता के न्यूजपोर्टल ‘द प्रिंट’ ने इस संबंध में हाल ही में एक स्टोरी प्रकाशित की थी, जिसमें प्रोफेसर को ‘लव जिहाद’ और मुस्लिम विरोधी बताते हुए कहा गया था कि वह दलितों के उत्थान के भी पक्षधर नहीं हैं।
‘द प्रिंट’ की इस खबर पर प्रोफेसर शर्मा ने कड़ी आपत्ति जताई और न्यूज पोर्टल के पत्रकार के साथ अपनी बातचीत का ऑडियो भी जारी किया। शर्मा ने अपने ट्वीट में शेखर गुप्ता, खबर लिखने वाले प्रशांत श्रीवास्तव और उन्नति शर्मा को टैग करते हुए लिखा, ‘मैं आपके रिपोर्टर के साथ बातचीत का अनकट ऑडियो पोस्ट कर रहा हूं, कृपया ध्यान से सुनें और जो लिखा गया है उससे तुलना करें।’ प्रोफेसर वशी मंत शर्मा ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये, जिसके बाद शेखर गुप्ता आगे आये और उन्होंने खबर में हुई गलती के लिए खेद प्रकट किया।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा ‘आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर वशी मंत शर्मा के प्रोफाइल में हमने गलती से उन्हें भी ऐसे व्यक्ति के रूप में वर्णित किया, जो दलित उत्थान की निंदा करता है। हम इस गलती पर खेद प्रकट करते हुए उनसे माफी मांगते हैं’।
हालांकि, शेखर गुप्ता की माफी का प्रोफेसर पर कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने माफी स्वीकार करने से इनकार कर दिया। शेखर को जवाबी ट्वीट में वशी मंत शर्मा ने कहा, ‘शेखर गुप्ता मुझे आपकी माफी स्वीकार नहीं है। आपने तब माफी मांगी, जब मैंने आपके पत्रकार के साथ अपनी बातचीत सामने लाकर आपका झूठ उजागर किया।’
इसके साथ ही प्रोफेसर ने ‘द प्रिंट’ की खबर में अपने ऊपर लगे प्रत्येक आरोप की सफाई भी दी है। सोशल मीडिया पर ‘इस गलती’ के लिए द प्रिंट और शेखर गुप्ता को निशाना बनाया जा रहा है। पेशे से वकील अनिरुद्ध नामक यूजर ने तो प्रोफेसर को शेखर गुप्ता पर केस करने की सलाह दी है।