दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी ने तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी को ही बंद करने की मांग कर दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट कर जवाब दिया। लिखा, ‘सर, बस मैं इतना जानना चाहती हूं कि क्या कांग्रेस पार्टी भाजपा को राज्यों में हराने के लिए क्षेत्रिय पार्टियों को आउटसोर्स कर रही है? अगर नहीं तो आप आम आदमी पार्टी की जीत पर गर्व क्यों कर रहे हैं? और अगर ऐसा है तो हमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी को बंद कर देना चाहिए।’
शर्मिष्ठा मुखर्जी का ट्वीट
Sharmistha Mukherjee✔@Sharmistha_GK
With due respect sir, just want to know- has @INCIndia outsourced the task of defeating BJP to state parties? If not, then why r we gloating over AAP victory rather than being concerned abt our drubbing? And if ‘yes’, then we (PCCs) might as well close shop! https://twitter.com/PChidambaram_IN/status/1227144091823112193 …
चिदंबरम का ट्वीट
P. Chidambaram✔@PChidambaram_IN
AAP won, bluff and bluster lost. The people of Delhi, who are from all parts of India, have defeated the polarising, divisive and dangerous agenda of the BJP
I salute the people of Delhi who have set an example to other states that will hold their elections in 2021 and 2022
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत को विपक्ष का हौसला बढ़ाने वाला परिणाम करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया कि अगर मतदाता उन राज्यों के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां से वे आए थे, तो दिल्ली का मत विपक्ष के विश्वास बढ़ाने वाला है कि भाजपा को हर राज्य में हराया जा सकता है। दिल्ली का वोट राज्य विशेष के वोट की तुलना में अखिल भारतीय वोट है क्योंकि दिल्ली एक मिनी इंडिया है। चिदंबरम ने कहा कि याद कीजिए, जब दिल्ली में मतदान हुआ था तब लाखों मलयाली, तमिल, तेलुगु, बंगाली, गुजराती और भारत के अन्य राज्यों से आए लोगों ने मतदान किया था।
कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने हार के कारण गिनाते हुए कहा कि हम एक बार फिर दिल्ली में नकार दिए गए। उन्होंने कहा कि कब तक आत्ममंथन करेंगे, अब कार्रवाई करने का समय आ गया है। पार्टी हाईकमान को इस बारे में जल्द निर्णय लेना चाहिए।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इससे पहले ट्वीट कर कहा कि यह समय इन चार चीजों पर कार्रवाई करने का है- शीर्ष स्तर पर निर्णय लेने में देरी, राज्य स्तर पर रणनीति और एकता की कमी, कार्यकर्ताओं के आत्मविश्वास में कमी, जमीनी स्तर पर पकड़ की कमी। डी प्रणाली का हिस्सा है, मैं भी अपनी जिम्मेदारी का हिस्सा लेती हूं।
हम फिर से दिल्ली में पहुंचे। आत्मनिरीक्षण के समय, समय 4 कार्रवाई अब। शीर्ष पर निर्णय लेने में देरी, राज्य स्तर पर रणनीति और एकता की कमी, ध्वस्त श्रमिकों, कोई जमीनी स्तर पर सभी आर कारकों को जोड़ना। डी प्रणाली का हिस्सा है, मैं भी अपनी जिम्मेदारी का हिस्सा लेता हूं।