Friday, November 29, 2024
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महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (मेटा) के 15 वें संस्करण में 10 बेहतरीन नाटकों की घोषणा

· 13 श्रेणियों में नामांकित 10 नाटकों का मंचन 13 से 18 मार्च 2020 तक कमानी ऑडिटोरियम और श्री राम सेंटर, नई दिल्ली में किया जायेगा|

· रेड-कार्पेट अवार्ड सेरेमनी 19 मार्च को कमानी ऑडिटोरियम में होगी, जिसमें 14 श्रेणियों के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।

· मेटा के 15 वें संस्करण के नामांकन में महाराष्ट्र से पांच, केरल से दो और असम, दिल्ली और पश्चिम बंगाल से एक-एक प्रस्तुतियां शामिल हैं।


नई दिल्ली।
एक सप्ताह तक चलने वाले राष्ट्रीय नाट्य समारोह और पुरस्कार महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (मेटा ) के 15 वें संस्करण की घोषणा की गई। देशभर की सांस्कृतिक विवधताओं और कलाओं से भरपूर मेटा फेस्टिवल राष्ट्रीय राजधानी में 13 मार्च से 18 मार्च 2020 तक कमानी ऑडिटोरियम और श्री राम सेंटर में रंगमंच जगत से चुने वरिष्ठ जूरी सदस्यों एवं नाटकप्रेमियों के लिए किया जाएगा। विजेताओं की घोषणा 19 मार्च, 2020 को कमानी ऑडिटोरियम में एक रेड-कारपेट अवार्ड समारोह में की जाएगी।

महिंद्रा ग्रुप द्वारा अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने, और टीमवर्क आर्ट्स द्वारा क्यूरेट किया गया, मेटा पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों और प्रदर्शनों के साथ-साथ निर्माताओं और कलाकारों को एक नई पहचान दिलाता आया है|

महिंद्रा ग्रुप के कल्चरल आउटरीच, वाईस प्रेसिडेंट, जय शाह ने कहा, “महिंद्रा समूह की कला के प्रति प्रतिबद्धता समूह द्वारा चलाये जा रहे विभिन सांस्कृतिक परियोजनाओं के माध्यम से स्पष्ट होती है। मेटा फेस्टिवल के 15वें वर्ष पर हमें गर्व है। हमें खुशी है कि मेटा आज हमारे देश में थिएटर के लिए एकमात्र राष्ट्रीय स्तर का मान्यता प्राप्त पुरस्कार कार्यक्रम है। इस वर्ष नाटकों का चयन हमें अपनी नाटकीय विरासत की समृद्धि और विविधता की याद दिलाता है। भारत के सभी क्षेत्रों से 385 से अधिक प्रस्तुतियाँ और 10 नाटकों का अंतिम चयन कई भाषाओं और संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करता है| हमें विश्वास है कि इस साल का फेस्टिवल फिर से थिएटर कलाकारों और दर्शकों को रोमांचित करेगा।”

मेटा अब अपने 15वें वर्ष में है और भारत में रंगमंच के लिए सबसे व्यापक और प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह है, जिसमें बेस्ट प्रोडक्शन, बेस्ट निर्देशक, बेस्ट स्टेज डिजाइन, बेस्ट लाइट डिजाइन, बेस्ट इनोवेटिव साउंड डिजाइन, बेस्ट कास्टूम डिजाइन, मुख्य भूमिकाओं में बेस्ट एक्टर, बेस्ट एक्ट्रेस, सहायक भूमिका में बेस्ट एक्टर और एक्ट्रेस, बेस्ट आन्साम्बल, बेस्ट कोरियोग्राफी और बेस्ट ओरिजिनल स्क्रिप्ट सहित 14 श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। मेटा हर साल थिएटर जगत के दिग्गजों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित करता है।

भारत के सर्वोतम थिएटर प्लेटफॉर्म मेटा ने इस वर्ष देशभर से 385 से भी अधिक नाटकों की प्रविष्टियाँ प्राप्त की, जो गहन चयन प्रक्रिया से गुजरीं। इस वर्ष की चयन समिति में पत्रकार, फिल्म और थिएटर समीक्षक अजीत राय; पत्रकार और आलाप की संस्थापक अखिला कृष्णमूर्ति; पत्रकार और थिएटर समीक्षक दीपा पूंजानी; जानी-मानी भारतीय फिल्म अभिनेत्री और थिएटर व्यक्तित्व दीपिका देशपांडे-अमीन; एडिलेड में ओजएशिया के डायरेक्टर जोसेफ मिशेल और भारतीय थियेटर हस्ती व आइकोनिक मास्टर ट्रेनर सोहाग सैन शामिल हैं।

हिंदी और अंग्रेजी भाषा के नाटकों के साथ-साथ इस वर्ष के नामांकन में हिंदुस्तानी, बंगाली, मराठी, मलयालम, बंगाली, असमिया और एक गैर-मौखिक नाटक भी शामिल है, जो सप्ताह भर चलने वाले फेस्टिवल में देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करेंगे।

‘चहेता’ हिंदुस्तानी भाषा का नाटक अब्राहम के बेटे के उसकी दर्दनाक घटना से बचने के बाद हुए मनोवैज्ञानिक घावों की पड़ताल करता है।क्या अब्राहम अपने युवा बेटे को मानव बलिदान के उद्देश्य से पहाड़ पर ले आया था, जैसा कि उसकी पत्नी और बेटे का मानना है। यह अलौकिक नाटक उन लोगों की पवित्रता पर सवाल उठाने का प्रयास करता है, जो ईश्वर के साथ बात करने का दावा करते हैं| आसक्त कलामंच, पुणे द्वारा प्रस्तुत और मोहित टाकलकर द्वारा निर्देशित यह नाटक 7 प्रमुख श्रेणियों के लिए नामांकित है। आसक्त कलामंच 7वीं बार नामांकित हुआ है, इसकी पिछली प्रस्तुति ‘मैं हूँ युसूफ और ये है मेरा भाई’ ने मेटा 2016 में 5 पुरस्कार जीते थे।

केरल से मलयालम नाटक ‘भास्करा पत्तेलार्रुम तोम्मियुडे जीविथावम’ इसी शीर्षक के उपन्यास पर आधारित है, जो प्रसिद्ध मलयालम लेखक पॉल जकारिया ने लिखा है। नाटक अत्याचार, सामाजिक संघर्ष, प्रेम और स्वतंत्रता से संबंधित है। सुवीरन द्वारा निर्देशित, इस नाटक को सर्वश्रेष्ठ नाटक और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरुष सहित 3 श्रेणियों में नामांकित किया गया है।

मेटा की नामांकन सूची में मराठी में दो नाटक शामिल हैं, जिनमें रणजित पाटील द्वारा निर्देशित ‘एकादशावतार’ जो (रामनारायण रुईया स्वायत्त महाविद्यालय) से है और दूसरा नाटक थिएट्रॉन एंटरटेनमेंट पुणे से सुरज पारसनीस और विराजस कुलकर्णी द्वारा निर्देशित मिकी हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है कि “एकादशावतार ” हमारी भारतीय संस्कृति की पौराणिक मान्यताओं पर आधारित है। “मिकी” आधुनिक शेक्सपियरियन त्रासदी पर आधारित है, जो इस बात का एक चरित्र अध्ययन करता है कि जब दबाव अधिक होता है और नैतिकता कम होती है, तो हममें सबसे अच्छा और बुरा क्या होता है। दोनों थिएटर प्रस्तुतियों ने मेटा फेस्टिवल में पहली बार नामांकन प्राप्त किया है। एकादशावतार 10 और मिकी को 8 श्रेणियों में नामांकित किया गया है।

मेटा 2020 में क्वासार ठाकोर पदमसी द्वारा निर्देशित अंग्रेजी नाटक ‘एवेरी ब्रिलियंट थिंग’ क्यू टी पी से विवेक राव और तोरल शाह द्वारा निर्मित है| एवेरी ब्रिलियंट थिंग’ प्यार, जीवन, परिवार, मानसिक स्वास्थ्य और दुनिया की सभी अद्भुत चीजों की एक सूची का प्रेरक है। यह नाटक सर्वश्रेष्ठ भूमिका और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए लीड रोल (पुरुष) में नामांकित किया गया है। ब्लैक बॉक्स ओखला की प्रस्तुति को पहली बार 5 श्रेणीओं में नामांकित किया है| निखिल मेहता द्वारा निर्देशित फोर द रेकौर्ड में विचार-विमर्श, विवादों और 1971 की घटना के नाटक को दिखाया गया है, जब एक ट्रिब्यूनल को तीन कलाकृतियों का चयन करने का काम सौंपा गया था, जो भारत का दुनिया में प्रतिनिधित्व करते थे। रेकौर्ड प्रतिनिधित्व और भारतीयता के विचारों पर सवाल उठाता है। इसमें अंग्रेजी के साथ हिंदी संवाद भी हैं। ये दोनों नाटक एक इन द राउंड के सेटिंग में मंचित होंगे।

अभिनेता-नाटककार-कवि पीयूष मिश्रा द्वारा लिखित और निर्देशित, ‘गगन दामामा बजयों’ एक संगीतमय नाटक है, जो भारत के सबसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों में से एक, शहीद भगत सिंह के प्रेरक जीवन की कहानी को दर्शाता है। यह भगत सिंह के जीवन के सभी विभिन्न मानवीय तत्वों की पड़ताल करता है। यह प्रस्तुति उनकी उस कट्टरपंथी छवि को तोड़ती हैं, जिसका लोग वर्तमान में उपयोग करते हैं। नाटक को मेटा फेस्टिवल में 6 प्रमुख श्रेणियों के लिए नामांकित किया गया है।

बंगाली नाटक, ‘घुम नेइ’ का निर्देशन सौरभ पालोधी द्वारा किया गया, जो समाज के कार्य क्षेत्र का एक घोषणापत्र है। इसकी कहानी अंधेरे टूटे हुए समाज को राजमार्ग के माध्यम से प्रकाश के पुल की ओर ले जाना है, इस नाटक को 6 श्रेणीओं में नामांकित किया गया है ।

असमिया भाषा का साहिदुल हक द्वारा निर्देशित ‘द ओल्ड मैन’ विश्व क्लासिक अर्नेस्ट हेमिंग्वे के “द ओल्ड मैन एंड द सी” का रूपान्तर है। द ओल्ड मैन मानव और प्रकृति के बीच संघर्ष को सामने लाता है यह अकेलेपन, निराशा और आशावाद से संबंधित है, इस नाटक को 7 श्रेणीओं में नामांकित किया गया है।

सुनील कुमार द्वारा निर्देशित ‘मेज़’ एक गैर-मौखिक नाटक है, जो नौकर और बूढ़े व्यक्ति के बीच के संबंधों को याद दिलाता है, जो वेब के अंदरूनी यादों और वास्तविकताओं से जुड़ा हुआ है। नाटक को 4 पुरस्कार श्रेणियों में नामांकित किया गया है।

नामांकन की पूरी सूची के लिए, कृपया www.metawards.com पर जाएं। मेटा फेस्टिवल 2020 का पूरा शेड्यूल और जूरी जल्द ही घोषित किया जाएगी:

महिंद्रा के बारे में

महिंद्रा समूह 20.7 अरब डॉलर का कारोबार करने वाली कंपनियों का परिसंघ है। महिंद्रा समूह का लक्ष्य लोगों को सक्षम बनाने पर केन्द्रित है। इसके लिये वह वैसे समाधान पेश करता है जो पावर मोबिलिटी, ग्रामीण समृद्धि, शहरी जीवन शैली तथा व्यवसाय दक्षता के स्तर को बढ़ाते हैं। यह उपयोगी वाहन, सूचना प्रौद्योगिकी,वित्तीय सेवाओं और अवकाश स्वामित्व के क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर है और मात्रा के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैक्टर कंपनी है। इसके अलावा इसने कृषि व्यवसाय, घटकों, वाणिज्यिक वाहनों, परामर्श सेवाओं, ऊर्जा, औद्योगिक उपकरण, रसद, अचल संपत्ति, इस्पात, एयरो स्पेस, रक्षा, और दोपहिया

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