जयपुर अपनी वास्तु व मूर्ति कला के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। अब इसका एक उत्कृष्ट नमूना मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में देखने को मिलेगा। यहॉं महाराणा प्रताप की अष्टधातु की प्रतिमा लगने जा रही है, जिसका निर्माण जयपुर में हो रहा है। आगामी 5 अगस्त को अयोध्या नगरी में भगवान रामलला के जन्म स्थान पर भव्य समारोह में मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी और अगस्त माह में ही स्वाभिमानी एवं देश भक्ति के प्रतीक महाराणा प्रताप की एक विशाल एवं भव्य प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।
प्रतिमा का निर्माण जयपुर में जोर शोर से चल रहा है। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की चेतक सवार अष्टधातु की प्रतिमा पिछले 7 माह से तैयार की जा रही है। भारत शिल्प कला प्राइवेट लिमिटेड के महावीर भारती निर्मला कुलहरी ने बताया कि लगभग 15 कलाकारों की टीम दिन-रात इस काम में लगी हुई है। महाराणा प्रताप की प्रतिमा का ऑर्डर अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद द्वारा दिया गया है।
प्रतिमा का निर्माण लॉस्ट वैक्स प्रोसेस से हुआ है जिसमें पहले मिट्टी का क्ले मॉडल बनाया जाता है वह बाद में उसकी डाई तैयार की जाती है जिसमें मोम की 10 एमएम की मोटी परत चढ़ाई जाती है फिर ढलाई करके प्रतिमा को तैयार किया जाता है। प्रतिमा में महाराणा प्रताप के चेतक को बहुत ही रोबदार व आकर्षक बनाया गया है। प्रतिमा की ऊंचाई साढ़े 12 फीट है व वजन 1500 किलोग्राम है। महाराणा प्रताप के हाथ में 10 फीट लंबा भाला है और दूसरे हाथ की तरफ 5 फीट की दो तलवारें लगाई हुई हैं। महाराणा प्रताप की विशाल प्रतिमा को चमकाने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है।