चीन और पाकिस्तान से युध्द की संभावनाओँ और टीवी एंकरों के एक से एक मौलिक आईडिया को लेकर सरकार एक अभिनव प्रयोग करने जा रही है। अगर ये प्रयोग सफल रहा तो दुनिया भर में सरकार की वाहवाही तो होगी ही देश के लोगों का भी भरपूर मनोरंजन होगा।
टीवी न्यूज़ चैनलों पर चीन और पाकिस्तान को डराने धमकाने की सफल कोशिशों को देखते हुए सरकार ने तय किया है कि अब संयुक्त राष्ट्र संघ और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर टीवी चैनलों के एंकरों को भारत का प्रतिनिधित्व करने भेजा जाएगा। विदेश मंत्रालय द्वारा कराए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत सरकार विदेशों में किसी भी मंच पर अपनी बात कितनी ही दमदारी से रखे, न तो वो बात विदेशी प्रतिनिधियों को समझ में आती है न देश के न्यूज़ चैनलों को। न्यूज़ चैनल उस मुद्दे की गंभीरता और महत्व को ही खत्म कर देते हैं और देश की जनता में सरकार के नज़रिये का गलत संदेश जाता है। लोग उसी बात पर भरोसा करते हैं जो न्यूज़ चैनलों की डिबेट में सुनाई जाती है।
लगातार आ रहे फीडबैक के बाद सरकार ने तय किया है कि अब सभी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर न्यूज़ चैनलों के एंकर और एँकरियों को भेजा जाएगा। इसका फायदा ये होगा कि ये एंकर अपनी धारदार खबरों, न्यूज़चैनलों पर दिखाई जाने वाली मिसाईलों, बमों और टैंकरों से विदेशी प्रतिनिधियों के छक्के छुड़ा देंगे। न्यूज़ एंकरों और एंकरियों की बहादुरी देखकर दुनिया के किसी भी ताकतवर देश का प्रतिनिधि हो, उसके पसीने छूट जाएंगे। सरकार ने तय किया है कि हिंदी चैनलों के सभी एंकर एंकरियों की गर्जनापूर्ण वाणी को उसी तेवर में चीनी और अन्य भाषाओं में अनुवाद कराकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दिखाया जाएगा। अगर किसी विदेशी प्रतिनिधि को किसी मुद्दे पर डिबेट भी करना होगी तो वो एंकर और एँकरियों से ही करेगा। भारत सरकार का कोई प्रतिनिधि या राजनायिक इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा। इसका फायदा ये होगा कि विदेशी प्रतिनिधि बगैर डिबेट करे ही मंच छोड़कर भाग जाएगा और हर मंच पर हमारा पक्ष मजबूत रहेगा।
सरकारी सूत्रों को कहना है कि जिस पेशेवर तरीके से न्यूज़ चैनलों पर चीन और पाकिस्तान ये युध्द करने की तकनीक बताई जाती है और टैंक से लेकर मिसाईल दाग कर दुश्मनों की फौज को नेस्तानुबूत कर दिया जाता है वह वाकई हैंरतअंगेज करने वाला है। सरकार इस योजना पर भी काम कर रही है कि न्यूज़ चैनलों के फुटेज दुश्मन देश के लोगों को उनकी भाषा में उपलब्ध कराएगी ताकि दुश्मन देश की जनता और सरकार का मनोबल टूट जाए और वो सपने में भी युध्द करने की नहीं सोचे।
न्यूज़ चैनलों के एंकर और एंकरियों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भेजने के साथ ही सरकार देश की विकास योजनाओँ को लोकप्रिय करने के लिए भी इनका उपयोग करेगी। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि एंकर और एंकरियों को नुक्कड़ नाटक की तर्ज पर देश के गाँव गाँव और मोहल्ले मोहल्ले में भेजकर सरकारीय योजनाओँ के प्रचार का काम दिया जाएगा। नुक्क्ड़ नाटक के माध्यम से ये एंकर और एंकरियाँ गली मोहल्ले में न्यूज़ चैनलों पर लगने वाले दरबार की तर्ज पर डिबेट कराएंगे और ये सिध्द कर देंगे कि सरकार जिन योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है वो गाँवों तक और लोगों तक इसलिए नहीं पहुँच रही है कि लोग ही निकम्मे हैं। लोग भी इन एंकर और एंकरियों को अपने बीच पाकर असली मुद्दे को भूल जाएंगे और ताली बजाकर वही कहेंगे जो सरकार इन एंकर और एंकरियों से कहलवाना चाहती है। लोग इन एंकर एंकरियों के साथ सेल्फी खिंचवाने के चक्कर में ये भी भूल जाएंगे कि इनको किस मुद्दे या किस योजना की जानकारी लेने के लिए सरकार ने भेजा है।
उच्चस्तरीय सूत्रों का कहना है कि अगर ये प्रयोग सफल रहा तो देश के साथ ही दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत सरकार की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा तेजी से बढ़ेगी और किसी देश में हिम्मत नहीं होगी कि वो हमारे साथ युध्द करने के बारे में सोच सके।