कोटा। संभागीय आयुक्त कैलाश चन्द मीणा ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में रिसर्च एवं नवाचार का लाभ खेतों तक पहुंचे, किसान को उनका लाभ मिले तभी जाकर सार्थकता सिद्ध होगी। आयुक्त बुधवार को नान्ता कृषि अनुसंधान केन्द्र में किसान दिवस के अवसर पर सीएफसीएल द्वारा सामाजिक उत्तदायित्व के तहत् ट्रैक्टर सहित कृषि उपकरणों के प्रदानगी के अवसर पर उपस्थित कृषि अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हाड़ौती क्षेत्र में कृषि में रिसर्च एवं नवाचार की विपुल संभावनाऐं है, यहां के वातावरण, भूमि की उर्वरकता व जल की उपलब्धता को देखते हुए कृषि अधिकारी खेतों तक नवाचारों को पहुंचाये। उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि में कृषि यंत्रों का विशेष महत्व है। कोटा में नान्ता तथा दीगोद के कृषि फार्म नवीन कृषि यंत्रों का उपयोग कर स्थानीय किसानों को प्रशिक्षण के रूप में प्रेरित भी करे। उन्होंने कहा कि नान्ता फार्म का पुराना वैभव लौटाने के लिए कृषि अधिकारियों को मिलकर कार्य करना होगा। वर्तमान में कोरोना काल में कृषि क्षेत्र की उपयोगिता बढ़ गई है लेकिन जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान कम होना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि कृषि अधिकारी इसे चुनौती के रूप में लेते हुए गांव एवं किसानों के खेतों तक रिसर्च एवं नवाचारों का प्रदर्शन करे तथा इस प्रकार का कार्य करे कि सेवानिवृत्ति के बाद उनके योगदान एवं महत्व को किसान बता सके।
संभागीय आयुक्त ने सीएफसीएल द्वारा 10 लाख की लागत के ट्रैक्टर, ट्रॉली एवं एरोवेटर प्रदान करने पर सराहना की तथा दीगाद फार्म में भी किसानों के लिए अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ाने में सहयोगी के रूप में आगे आने का अव्हान किया।
चम्बल फर्टिलाईजर्स एवं केमिकल लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक पीसी श्रीनिवासन ने कहा कि किसान की खुशहाली के लिए आवश्यक उपकरणों एवं अनुसंधान में सहयोग के लिए हमेशा तत्पर है। उन्होंने सीएफसीएल द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि के क्षेत्र में सीएसआर गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। संयुक्त निदेशक कृषि रामावतार शर्मा ने बताया कि कृषि के क्षेत्र में विकास के लिए आधुनिक यंत्रों को विशेष महत्व है। इससे नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना निदेशक नान्ता फार्म डॉ. कल्पना शर्मा ने बताया कि किसान दिवस के अवसर पर कृषि अनुसंधान केन्द्र में आधुनिक कृषि उपकरणों के मिलने से कृषि वैज्ञानिकों को सहायता मिलेगी तथा अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि 1965 से संचालित यह अनुसंधान केन्द्र सम्पूर्ण राजस्थान में कृषि में गुणवत्ता पूर्ण नवाचारों के लिए जाना जाता है। नवीन उपकरणों के मिलने से रबी एवं खरीफ के सीजन में अनुसंधान को गति मिलेगी। सीएफसीएल के वरिष्ठ प्रबंधक विकास भाटिया ने सीएसआर गतिविधियों की जानकारी देतेे हुए दीगोद फार्म में पीपीपी मोड पर इंटीग्रेटेड खेती व अनुसंधान में सहयोग की बात कही।
इस अवसर पर सीएफसीएल अधिकारियों द्वारा नान्ता फार्म को नवीन ट्रैक्टर का पूजन कर चाबी कृषि अधिकारियों को सौंपी गई। कार्यक्रम में उपनिदेशक बीज अनुसंधान रणधीर सिंह, उप निदेशक सीट्रस सेन्टर शंकर लाल जांगिड़, आरसी चांडल, दुर्गाशंकर मौर्य, सीएफसीएल से डॉ. जगमोहन सैनी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। संचालन राजवीर सिंह ने किया।