मुंबई। पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा श्रीमती तनुजा कंसल ने 23 अप्रैल, 2021 को आयोजित एक वेबिनार के माध्यम से 43 महिला कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट एवं अनुकरणीय सेवाओं के लिए नकद पुरस्कार और योग्यता प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित किया। इस वेबिनार में संगठन की कार्यकारी समिति के सदस्यों और पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन की मंडल इकाई के अध्यक्षों सहित पुरस्कृत महिलाओं ने भाग लिया। अपने भाषण में श्रीमती तनुजा कंसल ने उन सभी पुरस्कार विजेताओं की प्रशंसा की और उन्हें प्रोत्साहित किया, जिन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारियों को पूर्ण रूप से निभाते हुए अपने कार्य के प्रति भी पूर्ण समर्पण दर्शाया है। इन महिलाओं को न केवल कार्यस्थल में उनकी समर्पित सेवा के लिए बल्कि विभिन्न गतिविधियों में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए भी सम्मानित किया गया, जो उनके योगदान के द्वारा समाज में एक या दूसरे तरीके से एक अंतर लाती हैं।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा श्रीमती तनुजा कंसल ने विशेष रूप से अवार्ड प्राप्त करने वाली महिला कर्मचारियों और आम तौर पर जीवन के दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों के यानी घर और नौकरी के मोर्चों पर बिना समझौता किए अपने कर्तव्य को प्रतिबद्धता और निपुणता से निभाने वाली सभी महिलाओं की सराहना की। श्रीमती कंसल ने हमेशा महिलाओं को अपनी खुद की पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उनके साथ नियमित रूप से संवाद करके महिलाओं को डिजिटलीकरण की दिशा में सशक्त बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने वर्ष 2020 से लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य,पारिवारिक जीवन और कार्य जिम्मेदारियों आदि से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर कई वेबिनार आयोजित किए हैं। यह एक और पहल थी, जहां उन्होंने महिलाओं को ई-समारोह में सम्मानित किया, इस प्रकार एक ऐसा स्पेस क्रिएट किया गया, जहां महिलाएं खुद को और भी ऊंचाइयां छूने के लिए प्रेरित महसूस कर सकती है।
वेबिनार में अपने संबोधन की शुरुआत में, श्रीमती कंसल ने महिलाओं में आशावाद की भावना को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कारण वर्तमान परिदृश्य काफी निराशाजनक है, लेकिन यह अस्थायी है और अच्छा समय निश्चित रूप से वापस आएगा, लेकिन हमें इस अवधि के दौरान खुद का ध्यान रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस बात से वह बेहद खुश है कि आज महिलाओं ने बंधनों को तोड़, खुद के लिए अपनी एक जगह बना ली है। इसके अनुरूप,उन्होंने सुश्री पी टी उषा, सुश्री सानिया मिर्ज़ा और सुश्री किरण बेदी जैसी महान हस्तियों के उदाहरण प्रस्तुत किये। उन्होंने मुश्किल समय में भी कभी भी हार नहीं मानने के लिए और लगातार कोशिश करते रहने के लिए प्रेरणा देने हेतु कुछ दोहे और पंक्तियाँ भी सुनाईं कि…. जीत जरूर हासिल होगी।
उन्होंने बताया कि अगर कोई समाज में अपने लिए जगह बनाना चाहता है, तो उन्हें कड़ी मेहनत करने की जरूरत है, जिस से सफलता आपके कदम चूमेंगी। श्रीमती कंसल ने कहा कि पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन ने ऐसी महिला कर्मचारियों को हमेशा प्रोत्साहित किया है और सलामी दी है जिन्होंने अपनी मेहनत, अनुकरणीय प्रदर्शन और अपने काम के प्रति समर्पण से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर सरकार की पहल पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि लड़कियों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, क्योंकि बड़ी होने पर वे ही परिवार की मार्गदर्शक शक्ति बनती है। यह माँ ही है जो हमेशा अपने बच्चों का मार्गदर्शन करती है और उनके जीवन को आकार देती है, इसलिए वह समाज में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। श्रीमती कंसल ने कहा कि वह महिला पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत करके और यह जानकर बेहद खुश है कि वे एक स्वतंत्र महिला बन गई हैं और आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
वेबिनार में, पुरस्कृत विजेताओं को निम्न तीन विषय दिए गए थे, जिसमें से वे एक चुन सकती थीं और अपने विचार साझा कर सकती थीं – 1. घर और कार्यालय- चुनौतियाँ, उपलब्धियाँ और उनसे सीखे गए सबक। 2. रोजमर्रा की जिंदगी में महिला सशक्तीकरण के बेहतरीन उदाहरण। 3. पारिवारिक जिम्मेदारियां, कार्यालय के लक्ष्य और महिला कल्याण- आज की महिलाएं, विभिन्न मोर्चों के चौराहे पर। पुरस्कृत विजेताओं ने उपरोक्त विषयों पर अपने विचार खुले रूप से व्यक्त किये,जिन्हें श्रीमती कंसल द्वारा मुक्त कंठ से सराहा गया। कुल 43 महिलाओं को 2000/- के नकद पुरस्कार और एक मेरिट सर्टिफिकेट के साथ सम्मानित किया गया। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में से 25 पुरस्कृत महिलाकर्मी चर्चगेट स्थित मुख्यालय के विभिन्न विभागों से,12 पुरस्कृत महिलाकर्मी पश्चिम रेलवे के विभिन्न मंडलों से और 6 पुरस्कृत महिलाकर्मी पश्चिम रेलवे के छह कारखानों से थीं। श्रीमती कंसल से मिले प्रोत्साहन और प्रशंसा के शब्दों से पुरस्कृत विजेता अभिभूत थीं और उन्होंने इसके लिए उन्होंने श्रीमती कंसल को धन्यवाद दिया ।