मुंबई। पश्चिम रेलवे के चिकित्सा विभाग ने सदैव अपने मरीजों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं देने और समयानुसार जीवन रक्षक चिकित्सा पद्धतियां प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किया है। कोविड -19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान मानवता के लिए इस काम के प्रति समर्पण उनका कई गुना बढ़ गया है। पश्चिम रेलवे के चिकित्सा विभाग ने संकट के इस समय में अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए प्रभावित रोगियों के उपचार और कल्याण के लिए दिन-रात काम किया। पश्चिम रेलवे कम से कम समय में कोविड रोगियों के उपचार के लिए अत्याधुनिक तकनीकों और उपचार की नवीनतम चिकित्सा प्रक्रियाओं को अपनाने तथा एक मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार करने में सबसे आगे रही। इन उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए, रेल मंत्रालय ने वर्ष 2020 के लिए पश्चिम रेलवे को प्रतिष्ठित व्यापक हेल्थ केयर शील्ड प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह उपलब्धि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल के कुशल नेतृत्व में उनके बहुमूल्य मार्गदर्शन और प्रेरणा के कारण अर्जित की गई है। श्री कंसल ने कहा कि यह पश्चिम रेलवे के लिए गर्व की बात है। उन्होंने इस सराहनीय प्रदर्शन के लिए पश्चिम रेलवे के प्रधान मुख्य चिकित्सा निदेशक और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पिछले साल कोविड -19 महामारी के प्रकोप के शुरु होने के तुरंत बाद से पश्चिम रेलवे के जोनल अस्पताल, मुंबई स्थित जगजीवन राम अस्पताल को पूर्णतया कोविड समर्पित अस्पताल में बदल दिया गया था और इस प्रकार यह इस महामारी के खिलाफ रण क्षेत्र बन गया। जगजीवन राम अस्पताल ने समर्पित कोविड अस्पताल के रूप में भारतीय रेलवे पर पहला रेलवे अस्पताल होने का गौरव प्राप्त किया। इसके बाद, वडोदरा और रतलाम में डिवीजनल अस्पतालों ने भी कोविड रोगियों के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार किया। वर्तमान में, जगजीवन राम अस्पताल में 150 बेड और वडोदरा अस्पताल में 63 बेड कोविड रोगियों के लिए रखे गए हैं। पश्चिम रेलवे के रेलवे अस्पतालों में 6300 से अधिक कोविड रोगियों का उपचार किया गया है।
श्री ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2020 – 21 के दौरान लगभग 3400 कोविड पॉजिटिव रोगी जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती हुए तथा उनका उपचार किया गया। नवंबर 2020 में, जगजीवन राम अस्पताल के नए पुनर्निर्मित ओपीडी विंग में गैर- कोविड सेवाओं को ओपीडी सेवाओं के साथ पूर्ण रूप से फिर से शुरू किया गया। दिसंबर 2020 से GEOT, CVTS, General O.T. सहित सभी ऑपरेशन थिएटरों को भी पूरे तरीके से फिर से शुरू किया गया। अस्पताल परिसर में मरीजों की अनावश्यक भीड़ के नियंत्रण करने के साथ ही सुव्यवस्थित करने के लिए ओपीडी में डॉक्टरों से समय लेने के लिए एक ऑनलाइन ऐप विकसित की गयी। यहां लगभग 49,000 ओपीडी रोगियों का इलाज किया गया है और 681 मेजर सर्जरी और 615 माइनर सर्जरी की गई हैं। वर्तमान में, जगजीवन राम अस्पताल में कोविड पॉजिटिव रोगियों के लिए 150 बेड, पारगमन/ संदिग्ध रोगियों के लिए 30 बेड और गैर- कोविड रोगियों के लिए 180 बेड उपलब्ध हैं।
श्री ठाकुर ने आगे बताया कि जगजीवन राम अस्पताल 361 बिस्तरों वाला बहु-विशिष्ट अस्पताल है। जनवरी, 2021 में एनएबीएल मान्यता प्राप्त एक अत्याधुनिक आरटी-पीसीआर लैब शुरू की गई है,जहां इन-हाउस आरटी-पीसीआर परीक्षण किए जा रहे हैं। यह भारतीय रेलवे की पहली मॉलिक्युलर आरटी-पीसीआर प्रयोगशाला है, जिसमें बायो सेफ्टी लेवल -3 (बीएसएल -3) की सुविधा है। इसमें पाॅजिटिव रोगियों का तुरंत पता लगाने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट भी किए जाते हैं। इस अस्पताल में आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर कोविड रोगियों को डील करने के लिए निगेटिव प्रेशर से लैस हैं। अतिरिक्त 1000 लीटर लिक्विड ऑक्सीजन टैंक की स्थापना के साथ जनरल वार्डों में केंद्रीय ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। साथ ही यहां कोविड रोगियों के उपचार के लिए पूर्व में प्लाज्मा थेरेपी सहित उपचार के नवीनतम तौर-तरीके उपलब्ध कराए हैं । हाल ही में, मुंबई वृहद महानगर पालिका ने जगजीवन राम अस्पताल को एक कोविड टीकाकरण केंद्र के रूप में नामित कर मान्यता दी और 8 मार्च, 2021 से यहां टीकाकरण शुरू किया गया। अब तक 1752 लोगो का टीकाकरण किया जा चुका है।
चिकित्सा विभाग द्वारा कोरोना महामारी के दौरान मानवीय दृष्टिकोण के साथ सावधानीपूर्वक उठाए गए क़दमों और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से पश्चिम रेलवे को महामारी के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई में मदद मिली है। पश्चिम रेलवे को डॉक्टरों की अपनी समर्पित टीम के और सहयोगी समस्त पैरामेडिकल स्टाफ पर गर्व है। मानवता की सेवा में उनके दृढ़ संकल्प, धैर्य और कड़ी मेहनत को पश्चिम रेलवे सलाम करती है।