मुंबई। पश्चिम रेलवे द्वारा वर्तमान परिस्थितियों के कारण उत्पन्न बाधाओं को पार कर कई क्षेत्रों में प्रभावशाली प्रदर्शन करने का क्रम जारी है। चालू वित्त वर्ष में, कोविड महामारी के दौरान श्रमशक्ति की भारी कमी के बावजूद पश्चिम रेलवे ने 3100 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया है। यह उपलब्धि श्री पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल के गतिशील नेतृत्व के कारण संभव हुई, जिन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को हमेशा उच्च लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया है ।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को जारी रखने के लिए माल और पार्सल विशेष ट्रेनें देश भर में लगातार चलायी जा रही हैं। यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद के लिए समय-समय पर यात्री/एक्सप्रेस विशेष ट्रेनों की भी घोषणा की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में, पश्चिम रेलवे ने 3106 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जिसमें माल-भाड़े से प्राप्त राजस्व 2527 करोड़ रुपये, यात्री राजस्व 378 करोड़ रुपये ; अन्य कोचिंग के माध्यम से प्राप्त राजस्व 104 करोड़ रुपये और विविध राजस्व 97 करोड़ रुपये रहा । प्राप्त राजस्व पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 63 प्रतिशत से अधिक रहा है।
श्री ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 1 अप्रैल, 2021 से 3 जुलाई, 2021 तक 207 पार्सल ट्रेनें चलाई हैं। इस अवधि के दौरान मालगाड़ियों में लदान 20.95 मिलियन टन दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 15.80 मिलियन टन था। इसी अवधि में, पश्चिम रेलवे ने अपनी विभिन्न पार्सल स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से लगभग 76 हजार टन वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया है, जिसमें कृषि उत्पाद, दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध आदि शामिल हैं। जिससे लगभग 25.72 करोड़ रु का प्राप्त राजस्व हुआ। पश्चिम रेलवे द्वारा 33 हजार टन से अधिक दूध के परिवहन के साथ 47 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं और वैगनों का 100% उपयोग किया गया । इसी प्रकार, 57 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियों चलायी गयीं तथा 9000 टन आवश्यक वस्तुओं का परिवहन किया गया। इसके अतिरिक्त,17300 टन भार वाले 35 इंडेंटेड रेक भी शत-प्रतिशत उपयोग के साथ चलाये गये।
किसानों को उनके उत्पादों के लिए नए बाजार उपलब्ध कराने और किफायती तथा तेज परिवहन के लिए इस अवधि में विभिन्न मंडलों से लगभग 16000 टन भार के साथ 68 किसान रेलें भी चलाई गईं। बिजनस डेवलपमेंट यूनिटें (BDUs) रेलवे बोर्ड द्वारा शुरू की गई प्रोत्साहन योजनाओं के साथ मौजूदा और संभावित माल ग्राहकों के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि रेल से उनके माल के त्वरित, विश्वसनीय, किफायती और थोक परिवहन के लिए उन्हें प्रोत्साहित कर सकें।
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