Sunday, December 22, 2024
spot_img
Homeपुस्तक चर्चाआपके नाम एक यादगार ग़ज़ल संग्रह

आपके नाम एक यादगार ग़ज़ल संग्रह

डॉ. भवानीशंकर मिश्र ‘विरंचि’ ब्रह्मपुर ओडिशा के व्दारा रचित प्रथम गजल संग्रह में अपने सरल व सहज रूप में इस संग्रह को सभी वर्ग के पाठको के लिए लिखा है, अत्यंत ही सराहनीय है। इसमें उन्होंने समाज के सरोकार के हर पक्ष को समाहित किया है।इस संग्रह की विशेषताओं में आपका आध्यात्मिक पक्ष,सामाजिक ,सभ्यता,संस्कृति,संस्कार और उससे निहित सभी महत्वूर्ष विषयों को बहुत कम शब्दो में विस्तार से बाहुलता के साथ सम्मिलित किया है ।इस संग्रह में मानव के संघर्ष को दर्शाते हुए व्यक्तिगत निहित स्वार्थ से अलग लोकहितकारी बातों के संदेश का समावेष भी है।शब्दों के चयन में बहुत विविधता भी है प्रचलित अप्रचलित उर्दू के शब्दों का समावेश किया गया है, जिससे रचनाओं का बहुत ही सुंदर अंलकरण भी हुआ ।इस संग्रह में एक बात कुछ कमजोर रही की किसी भी रचना को लेखक ने शीर्षक न देकर कुछ कमी कर दी ।मेरा मानना है कि शीर्षक अगर हो तो रचना के मूल भाव तक पहुँचने में पाठक को सुविधा होती है।

लेखक ने अपने उद्गार मे यह स्वीकार किया है कि उनके इस प्रयास में सहयोग आदरणीय डा.राजेन जयपुरिया जी का रहा है।

इस संग्रह के कुछ मेरी पंसदगी के शेर


करेगा मुआफ हमें कोई क्यों कहो तो,
जबकि सबको सताने में हम लगे है ।

श्रध्दा विश्वास के सिवा
क्या ढूंढता तू भगत में।

हो गया है ये क्या मैं नहीं जानता
आदमी आदमी ही को नहीं मानता।

संपर्क
लिंगम चिरंजीव राव
8639945892

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार