उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (Anti Terrorist Squad) ने देश के सबसे बड़े धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया है। वह इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) को मेरठ से गिरफ्तार कर लिया। यूपी एटीएस के मुताबिक सिद्दीकी को धर्म परिवर्तिन कराने के आरोप में अरेस्ट किया गया है। उनका नाम उमर गौतम (Umar Gautam) मामले की जांच के दौरान सामने आया था। उमर को जून में पुलिस द्वारा कथित रूप से धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद जेल में डाल दिया गया था।
64 वर्षीय इस्लामिक विद्वान संदिग्ध गतिविधियों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। मंगलवार देर रात मेरठ पहुंचते ही उसे उठा लिया गया। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। एटीएस के प्रवक्ता के अनुसार मौलाना कलीम सिद्दीकी यूपी के मुजफ्फरनगर के फूलत का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक, इस्लामिक मौलवी जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट (Jamia Imam Waliullah Trust) चलाता है। जो कई मदरसों को फंड करता है। जिसके लिए सिद्दीकी पर विदेशी फंडिंग हासिल करने का आरोप है।
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘जांच में सामने आया कि मौलाना कलीम के ट्रस्ट को बहरीन से 1.5 करोड़ रुपये सहित विदेशी फंडिंग में 3 करोड़ रुपए मिले।’ इस केस की जांच के लिए एटीएस की छह टीमों का गठन किया गया है। एटीएस के महानिरीक्षक जीके गोस्वामी ने कहा कि सिंडिकेट ने भारत में लगभग एक हजार लोगों का धर्मांतरण किया है। मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को जून में दिल्ली के जामिया नगर इलाके से बधिर छात्रों और गरीब लोगों को धर्मांतरण की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इस बीच, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने इस्लामिक विद्वान की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। एटीएस द्वारा धर्म परिवर्तन सिंडिकेट चलाने के आरोप में मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बरक (Shafiqur Rahman Barq) ने कहा कि भाजपा सरकार के पास मुसलमानों को परेशान करने के अलावा कोई काम नहीं है।