लंबे संघर्ष के बाद ‘लव जिहाद’ पर बनी फिल्म ‘The Conversion’ को सेंसर बोर्ड ने यूए प्रमाणपत्र दिया है। इसके साथ ही फिल्म के सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने का रास्ता साफ़ हो गया है। बता दें कि UA का अर्थ है ‘Unrestricted with Caution’, अर्थात इस फिल्म को बच्चे भी देख सकते हैं। बस 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ये फिल्म देखने के लिए अपने अभिभावकों के दिशानिर्देशन की ज़रूरत पड़ेगी। सामान्यतः फिल्मों को इसी कैटेगरी में सर्टिफिकेट दिए जाते हैं।
बता दें कि भाजपा शासित कई राज्यों में ‘लव जिहाद’ के विरुद्ध कानून भी बने हैं और कइयों में इसके लिए तैयारी की जा रही है। अपराध के ऐसे मामलों में अक्सर देखा जाता है कि मुस्लिम युवक अपनी पहचान छिपा कर कोई छद्म हिन्दू नाम रख लेते हैं और फिर किसी हिन्दू लड़की को अपने जाल में फँसाते हैं। जब तक लड़की को सच्चाई पता चलती है, सब ख़त्म हो चुका होता है। उनसे निकाह कर के उन्हें इस्लामी धर्मांतरण के लिए प्रताड़ित किया जाता है। ऐसे मामलों में हत्याएँ तक कर दी जाती हैं।
ये फिल्म इसी संवेदनशील मुद्दे पर बनी है। फिल्म के निर्माताओं का कहना है कि आजकल की बेटियों को ये फिल्म ज़रूर देखनी चाहिए। इस फिल्म को विनोद तिवारी ने बनाया है और सेंसर बोर्ड से इसे सर्टिफिकेट दिलाने के लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किया। ‘लव जिहाद’ के कारण शोषण, प्रताड़ना और परिवार-समाज पर पड़ने वाले असर को इस फिल्म में दिखाया गया है। 6 महीने से इसकी रिलीज के लिए प्रयास चल रहे थे। संजय भूषण पटियाला फिल्म के प्रचारक हैं।
विनोद तिवारी ने इस फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा UA सर्टिफिकेट दिए जाने को ‘सत्य की जीत’ बताया है। इसके ट्रेलर को यूट्यूब से हटाने और इसकी रिलीज को रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। इस फिल्म में ‘लव जिहाद’ का दंश झेलने वाली एक हिन्दू युवती की कहानी दिखाई गई है। विंध्य तिवारी, प्रतीक शुक्ला और रवि भाटिया इस फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे हैं। फिल्म में सामाजिक सन्देश दिया गया है और जागरूकता फैलाई गई है।
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