पश्चिम रेलवे ने 87.91 मिलियन टन माल लदान हासिल किया; पिछले साल की तुलना में 8.9% अधिक
कोविड-19 के दौरान आवश्यक वस्तुओं की जारी रही निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला
मुंबई। पश्चिम रेलवे की माल और पार्सल विशेष ट्रेनें कोविड महामारी के कठिन समय के दौरान भी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को चालू रखने के लिए देश भर में चलती रही हैं। निरंतर प्रयासों के माध्यम से, पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 87.91 प्रतिशत माल लदान हासिल किया है जो पिछले वर्ष के 80.71 मिलियन टन से 8.9% अधिक है। इस उपलब्धि से 2014-15 में बनाए गए 87.29 मिलियन टन का 7 साल पुराना रिकॉर्ड भी टूट गया है। पश्चिम रेलवे एवं मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री अनिल कुमार लाहोटी ने यह उपलब्धि हासिल करने पर पश्चिम रेलवे की टीम को बधाई दी है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आपदा को अवसर में बदलते हुए पश्चिम रेलवे ने कोयला, सीमेंट, नमक, ऑटो रेक, कंटेनर और लोहा और इस्पात खंडों में लदान में सार्थक वृद्धि की है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान पश्चिम रेलवे ने कंटेनर (25.13.एमटी), सीमेंट (14.61 एमटी), लोहा और इस्पात (2.08 एमटी), नमक (7.41 एमटी) और ऑटोमोबाइल (395 रेक) में अपनी अब तक की सर्वश्रेष्ठ लोडिंग हासिल की है।
श्री ठाकुर ने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में माल से राजस्व लगभग 10858 करोड़ रु. रहा है जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.22% अधिक है। पश्चिम रेलवे ने कंटेनर यातायात से सर्वाधिक 2429.18 करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त किया जो कि भारतीय रेल पर सबसे अधिक है। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2021-22 में पश्चिम रेलवे कई क्षेत्रों में प्रथम रही है जैसे कि 29 मार्च, 2022 को वडोदरा मंडल में मेसर्स कॉनकॉर के फर्स्ट गति शक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल की कमीशनिंग जो कि सीजीएमवी द्वारा सेवित है, सूरत क्षेत्र से एनएमजी रेक में टेक्सटाइल की लोडिंग एवं पहली बार राजधानी एक्सप्रेस में पार्सल वैन को लीज़ पर देना आदि। पश्चिम रेलवे ने कुल 198 किसान रेल पार्सल विशेष ट्रेनें चलाकर प्याज, लहसुन, चीकू, कच्चे केले आदि के परिवहन से 20.29 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया। पश्चिम रेलवे ने वित्त वर्ष 2021-22 में माल ढुलाई को बढ़ावा देने के लिए धोराजी, रुनिजा, असरवा, खरिरोहर रोड और रानाव में नए गुड्स शेडों को चालू किया है। 2021-22 में पश्चिम रेलवे ने 2829 रेकों से नए और अतिरिक्त माल यातायात को जोड़ा, जिससे रेलवे को 1030.64 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
श्री ठाकुर ने यह भी कहा कि गति में यह वृद्धि पश्चिम रेलवे द्वारा माल ढुलाई को बढ़ावा देने के लिए की गई विभिन्न पहलों के कारण संभव हुई है। पश्चिम रेलवे ने माल और पार्सल के परिवहन के लिए रेलवे के साथ गठजोड़ करने के लिए माल ढुलाई करने वालों को आकर्षित करने के लिए रेल मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं शुरू कीं। इसके अतिरिक्त, नए यातायात को आकर्षित करने और यातायात की मौजूदा धारा में रेल हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए मुख्यालय स्तर और सभी मंडलों में बिजनेस डेवलपमेंट यूनिटों (BDU) का भी गठन किया गया। इससे रेलवे माल ढुलाई ग्राहकों को सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम हुआ है और राजस्व में भी वृद्धि हुई है।
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