रक्तदाता और पत्रकार संजीव सक्सेना एवं उनकी धर्मपत्नी सुमन सक्सेना ने मरणोपरांत अपनी देह को दान करने का संकल्प पत्र शाइन इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से भरा । साक्षी के तौर पर पुत्र मोहित सक्सेना ने अपने माता पिता की भावनाओं का सम्मान करते हुए हस्ताक्षर किए। इन्होंने विगत दिनों दधीची देहदान समिति,कोटा के बैनरतले आयोजित देहदान जागरूकता के रंगारंग संगीतमय कार्यक्रम से प्रेरित होकर देहदान का संकल्प लिया।
संजीव सक्सेना ने कहा की, उन्होंने अपने जीवन के तीन दशक से भी अधिक समय तक कैमरे से लोगों के सुख-दुख की तस्वीरें क्लिक की, किन्तु वह स्वयं सिर्फ ओर सिर्फ एक फोटो फ्रेम मे कैद होकर दुनिया से विदा नहीं होना चाहते । वह अपने दादा जी स्व.मास्टर श्री श्याम नारायण सक्सेना के बताए मार्ग पर चलते हुए देश और मानव समाज के लिए कुछ अलग करके दुनिया को अलविदा कहना चाहते है “समाज सेवा जीवन के साथ भी, जीवन के बाद भी”।
श्रीमति सुमन सक्सेना ने भी देहदान के प्रति अपने उन्मुक्त विचार साँझा करते हुए कहा की,मैंने वर्षों तक अपने पति ओर वर्तमान में अपने पुत्र को समय-समय पर रक्तदान करते देख कर समाजसेवा मे अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के क्रम मे अपना मन बनाया,और आज देहदान का संकल्प लिया। ज्ञात रहे संजीव सक्सेना के लघु भ्राता प्रशांत सक्सेना भी रक्तदान शिविरों सहित विभिन्न माध्यमों से समाजसेवा के क्षेत्र मे अपनी पहचान बनाए हुए हैं।
संजीव नियमित स्वेच्छिक रक्तदाता हैं, और वर्ष 2018 में राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण विभाग,नई दिल्ली में भी अपना नाम रजिस्टर करवा चुके हैं। देहदान का संकल्प लेते हुए सक्सेना दम्पति ने अपने विचार व्यक्त करते हुए संदेश दिया की,यदि देश मे अच्छे चिकित्सक चाहिए,तो देहदान के प्रति प्रत्येक नागरिक को जागरूकता का परिचय देना ही होगा।
शाइन इंडिया फाउंडेशन के अथक प्रयासों के चलते ” मिस्ड काल से देहदान संकल्प ” अभियान से अभी तक संपूर्ण । हाड़ौती क्षेत्र के 180 प्रबुद्धजन अपना संकल्प पत्र भर चुके हैं।