मोदी सरकार राजनीतिक शुचिता के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। सरकार ने अपने कार्य सूची में ‘ भारत प्रथम ‘ के सरल और शक्तिशाली मंत्र को सबसे ऊपर रखकर जनता का विश्वास प्राप्त किया है ।लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में जनता संप्रभु होती है, सरकार की सबलता /प्रबलता जन भावनाओं का सम्मान होता है। मोदी सरकार ने सदैव से ‘ सबका साथ – सबका विकास ‘ इस मंत्र को लेकर चली थी, लेकिन आम चुनाव के अखंड ,एकनिष्ठ पुरुषार्थ ने जनता जनार्दन में एक का अमृत भर दिया है- सबका विश्वास । इस तरह शासक और शासित के मध्य ‘ सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास ‘ के मजबूती ने मोदी सरकार के सर्वोच्च वरीयता प्रदान की है।
इस मंत्र की साकार अभिव्यक्ति के द्वारा देश एक और सीमा की रक्षा कर रहा है, तो दूसरी तरफ विपक्ष को रचनात्मक जवाब दे रहा है। यही अमृत मंत्र विदेशों में भारत के हितों को बढ़ावा देने और परदेस में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा करने में दिखाई देता है ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक एवं शासकीय फैसलों ने “भारत प्रथम”(india first) के मंत्र पर निरंतर वैधता प्रदान की है। प्रधानमंत्री की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति(Zero tolerance policy) सुनिश्चित किया है कि देश पहले से बहुत सुरक्षित है। वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2022 को 2 मार्च 2022 को आर्थिक और शांति की संस्था जारी करती है, जिसमें भारत का स्थान 12 वां है,वैश्विक आतंकवादी सूचकांक 2022 के मुताबिक भारत में 2014 से 2022 तक के बीच आतंकवादी गतिविधियों में 75% गिरावट दर्ज की गई है, आतंकवादी घटनाओं में पहले की अपेक्षा बहुत सुधार हुआ है।
आकंड़ों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वामपंथी उग्रवाद में 2009 की तुलना में 2022 में इन घटनाओं में 70% कमी आई है ,2010 की तुलना में 2022 में मरने वाले लोगों की संख्या में 89% की कमी आई है।2016 से जम्मू- कश्मीर (अब जम्मू और लद्दाख संघ शासित क्षेत्र है) और क्षेत्र से बाहर आतंकवाद के कारण एक भी मौत नहीं हुआ है। भारत सरकार ने संसदीय कानून के द्वारा अनुच्छेद 370 और 35A को हटाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे उग्रवाद व चरमपंथी घटनाओं में बहुत ही अधिक नियंत्रण किया जा चुका है। वामपंथी उग्रवाद व हिंसा की घटनाओं में 59% की कमी आई है ,वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने में गृह मंत्रालय द्वारा पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए “अंब्रेला स्कीम”काफी कारगर सिद्ध हुई है।
सुरक्षा संबंधी व्यय की योजना का उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद की समस्या से निपटने में, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों की क्षमता में वृद्धि करना है। वित्त वर्ष 2021 – 2022 में 306.95 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है, एवं चालू वित्त वर्ष में 266.95 करोड रुपए जारी किए गए ।पहले समय के बिल्कुल विपरीत अब हमारे गांव व शहरों में शांति का प्रत्यय मजबूत हुआ है ।वर्तमान में देशवासी अपने को सुरक्षा, संरक्षा एवं औषधि के दायरे में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। विगत 8 वर्षों में भारत ने वैश्विक मंच पर आतंकवाद को एक ज्वलंत एवं खतरनाक संकल्पना का मुद्दा बना दिया है ,इसके अतिरिक्त आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में वह अग्रणी भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय अभिकरण एजेंसी( एनआईए) द्वारा जांच किए गए आतंकवाद के वित्तपोषण मामलों में अपराध प्रमाणित होने की दर 94% है।2014 के पश्चात से गैर- संघर्ष क्षेत्र(Non conflicts zone) वाले भारत के शहरों में कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ है। वर्ष 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical strike)और 2019 में एयर स्ट्राइक(Air strike) से सीमा पार आतंकवाद को करारा जवाब दिया है, इससे वैश्विक स्तर पर भारत की साख बढ़ी है। भारत ने अपने कूटनीतिक दूरदर्शिता एवं राजनय के कारण आतंकवाद को वैश्विक मुद्दा बनाया है ;बल्कि आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष कर रहा है।
भारत ने गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम(UAPA) को संशोधित करके इसके कानूनी ढांचे को मजबूत किया है, जिससे आतंकवाद के प्रत्येक रूप पर कठोर प्रहार किया जा सके।
मोदी जी के नेतृत्व में भारत छोटे – छोटे कदम उठाने के बजाय बड़े कदम उठाने का अभ्यस्त हो गया है, इसे हमारे रक्षा उत्पाद एवं निर्यात में देखा जा सकता है ।भारत बुनियादी हथियारों और रक्षा उपकरण के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर रहने वाला देश आज रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। रक्षा स्वदेशी करण सूची में 300 सौ से अधिक वस्तुएं जोड़ी गई हैं, स्वचालित मार्ग से रक्षा क्षेत्र में 74% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को प्रदान किया जा रहा है ।ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को सात रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों में बदला गया है ,भारत के रक्षा- निर्यात में सरकार ने साहसिक कदम उठाए हैं, तथा 2014 में 1941 करोड़ का निर्यात होता था, वह 2021 में एक 11907 करो रुपए का हो चुका है ।अधिक निर्यात का आशय है अधिक रोजगार का अवसर प्राप्त होना है।
अगस्त 2020 से 310 वस्तुओं के साथ तीन सक्रत्मक स्वदेशीकरण की योजना का पदार्पण किया है ,इस लिस्ट में हथियारों और व्यवस्था का कार्य योजना है, जिनका भारत भविष्य में आयात नहीं करेगा। घरेलू खरीद के लिए इस प्रकार के भविष्य योजना के सामने आने से घरेलू निर्माताओं को उत्पादन बढ़ाने में सहयोग मिलती है ,इसके द्वारा भारत को रणनीतिक मजबूती प्रदान होता है। साथ ही युवाओं के लिए रोजगार सृजन होता है, रोजगार की प्राप्ति से युवाओं के भीतर ऊर्जा का संचरण होता है, जिससे राष्ट्र राज्य का सर्वागीण विकास होता है ।वैश्विक नवाचार सूचकांक 2022 में भारत का स्थान 40 वां है।ऑटोमेटिक रूट के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में 74% बड़ा दी गई है। 2022 – 2023 के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए पूंजी खरीद बजट का 68%घरेलू उद्योग के लिए रखा गया है । उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड मेंबन रहे डिफेंस कॉरिडोर से इस क्षेत्र को आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है।
बीते 8 वर्षों में बदलाव का ही प्रभाव है कि भारत का रक्षा निर्यात 6गुना बड़ा है। भारत वैश्विक स्तर पर रक्षा उपकरण से लेकर हथियारों तक निर्यात कर रहा है।यह सफलता सरकार के सकारात्मक प्रयास से संभव हुआ है ,मोदी सरकार ने उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए विदेशी निवेश को आकर्षित करने की दिशा में और रक्षा व्यवसायिक कॉरिडोर के बड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान में रक्षा उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था के सर्वाधिक जीवंत एवं प्रासंगिक क्षेत्र में स्थान प्राप्त किया है । विगत 8 वर्षों में इस उद्योग ने अनगिनत नौकरियां प्रदान किया है।रक्षा निर्यात में वृद्धि ने भारत के व्यापार घाटे को सुधारने में सहयोग किया है, इसके अलावा रक्षा उत्पादन आत्मनिर्भरता हमारे कूटनीतिक यात्रा को सशक्त किया है ।यह संतोषजनक एवं उत्साहित करने वाली घटना है कि भारत की वैश्विक स्तर पर स्थिति मजबूत हुई है। अब भारत की आवाज दुनिया भर के देशों में सुनी जा रही है ;बल्कि भारत के शासक की राय का सम्मान हो रहा है। जलवायु परिवर्तन से अंतरराष्ट्रीय संघर्ष तक,आतंकवाद से विश्व व्यापार तक भारत वैश्विक स्तर पर विचारों को उन्नयन करने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है; एवं इन समस्याओं के समाधान में वैश्विक स्तर पर सामूहिक कार्यवाही में नेतृत्व कर रहा है।
वैश्विक स्तर पर प्रवासी भारतीयों को पूर्ण विश्वास है कि मोदी जी उनकी सुरक्षा, संरक्षा एवं हितों के उन्नयन के लिए हमेशा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं ।प्रवासी भारतीय आश्वस्त हैं कि अगर कोई प्रतिकूल परिस्थिति उत्पन्न भी होती है तो भारत सरकार उनकी सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए कोई कोर – कसर नहीं छोड़ेगा। सरकार ने’ ऑपरेशन देवी शक्ति’ के तहत अफगानिस्तान में सैकड़ों भारतीयों को सुरक्षित निकासी के लिए सुनिश्चित की है।’ वंदे भारत मिशन’ के तहत 1.83 करोड से अधिक लोगों को स्वदेश लाया गया था। 22500 भारतीयों को यूक्रेन से सुरक्षित वापसी हुई है, रूस – यूक्रेन युद्ध के समय ज्यादातर छात्रों को सकुशल स्वदेश लाया गया है। मोदी सरकार ने अपने पड़ोसी राष्ट्र एवं सार्क सदस्य नेपाल में आए भूकंप( प्राकृतिक आपदा) से भारत ने ‘ ऑपरेशन मैत्री ‘ से 5188 भारतीयों को सुरक्षित निकाला था।
भारत की संस्कृति और विरासत की संरक्षक के रूप में सरकार ने “गुरु ग्रंथ साहिब” के पवित्र स्वरूपों को सुरक्षित तरीके से भारत वापस लाया है।
(लेखक दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक आचार्य हैं)
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