भारत गाँवों का देश है। भारत में किसान को ग्राम देवता के रूप में पूजा जाता है।सरकार की “बीज से बाजार” तक के दृष्टिकोण से देश के किसी क्षेत्र एवं बाजार क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं ।आजादी के अमृत काल में भारतीय कृषि व कृषि बाजार ने सफलता ,उपलब्धियों एवं उपादेयता के नए गौरवशाली मानदंड स्थापित किए हैं। किसानों को तमाम तरह के जोखिमों से सुरक्षित रखने ,आमदनी बढ़ाने और सटीक जानकारी प्रदान करने और उन्हें किसी उत्पादों का उपयोग करने वाली इकाइयों से जोड़ने पर सरकार का फोकस रहा है । इन सकारात्मक कदमों से भारत में कृषि का आधुनिकरण हुआ एवं ग्राम देवता की आय में लगातार बढ़ोतरी हुई है।
भारत सरकार ने किसानों की दयनीय दशा को सशक्त करने में कई ऐसे कदम उठाए हैं ,जिनसे भारत में किसानों को कम जोखिम उठाना पड़ेगा ।किसानों के लिए सुरक्षा तंत्र बनाने और बारिश पर उनकी निर्भरता को कम करना है ।अनावृष्टि व अतिवृष्टि के कारण लाखों किसान ग्रामीण खून चुषक (कर्जदार/साहूकार) के चंगुल में फंस जाते थे ।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना( पीएमएसबीवाई) ने किसानों की आर्थिक दशा में गुणात्मक बदलाव किए हैं। इस योजना के कारण किसानों को मजबूत सुरक्षा व संरक्षण प्राप्त हुआ है।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से सिंचाई का क्षेत्र बड़ा और वर्षा जल पर किसानों की निर्भरता कम हुई है। पीएम फसल बीमा योजना के तहत 1.2लाख करोड रुपए से अधिक अनुदान प्रदान किया गया था। 2021- 2026 के लिए पीएम कृषि सिंचाई योजना के लिए 93068 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जिससे किसानों को प्राकृतिक घटना से सुरक्षा प्राप्त हो सके।
रिकॉर्ड उत्पादन से सरकारी खरीद में बढ़ोतरी हुई है ,जिससे किसानों की आय में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है। डीबीटी के जरिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता लगातार बढ़ने से किसानों को बिचौलियों की अवैध वसूली और कमीशन खोरी से आजादी मिली है ।एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के माध्यम से एक लाख करोड़ रुपए किसानों की आय बढ़ाने के लिए दिया गया है।
वर्ष 2019 से सरकार ने पीएम किसान निधि की शुरुआत किया है,एवं किसानों के खाते में ₹6000 नगद हस्तांतरित किया जा रहा है।नियमित रूप से किस्तों में मिलने वाली इस मदद से छोटे किसानों को भी अच्छी गुणवत्ता वाली सामान खरीदने, जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने और अपनी आय वृद्धि करने का शुभ अवसर प्रदान किया गया है।
भारतीय किसानों को जैसे-जैसे कृषि क्षेत्र में उपयोगी वैज्ञानिक सूचनाएं और नूतन नवोन्मेष उपलब्ध कराए जा रहे हैं ,जिससे अन्न देवता को स्मार्ट खेती की ओर अग्रसर किया जा सके।सरकार द्वारा दिए गए मृदा काड से किसानों को उनकी जमीन के बारे में बेहतर जानकारी मिल रही है, इन सभी सूचनाओं का समुचित उपयोग उत्पादन बढ़ाने के काम आ रहा है। विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक कार्यक्रमों के माध्यम से छोटे किसानों को प्राकृतिक और जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इससे उत्पादन की लागत कम हुई है और कृषि से आय बड़ी है। इसके अतिरिक्त अन्न देवता को जलवायु परिवर्तन और कई तरह के संकटों से निपटने में सहयोग मिल रहा है;जिससे अन्न देवता को समुचित समाधान मिल सके।
(लेखक सहायक आचार्य व राजनीतिक विश्लेषक हैं)