अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा को करीब 20 साल बाद 4.25 लाख रुपए चुकाने पड़ेंगे। दरअसल, 2004 में जब वह मंत्री नहीं थे तो सरकारी बंगले में समय से अधिक रुके थे।
संपदा निदेशालय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अधीन है और पुरानी फाइलों को खंगालने के बाद उसे पता चला कि सिन्हा 6 कुशक रोड पर रुके थे। यशवंत सिन्हा इस बात से हैरान हैं कि करीब 20 साल बाद इतनी बड़ी रकम की वसूली के लिए सरकार ने उन्हें नोटिस भेजने का फैसला किया।
यशवंत सिन्हा नोएडा में एक घर में रह रहे हैं, हालांकि वह भुगतान करने के मूड में नहीं हैं और वसूली नोटिस का विरोध करने की योजना बना रहे हैं। इस मामले पर पद्मश्री और वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने ट्वीट कर बड़ी बात कही है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि गांधीवादी और जे पी के अनुयायी कहने वाले यशवंत सिन्हा सरकारी बंगले का पुराना बकाया चुकाने के मूड में नहीं। संपदा विभाग ढीला रहा या उनके सत्ता में आने के प्रयास से डरा रहा हो सकता है लेकिन चार लाख का बकाया चुकाने लायक नहीं? गुलज़ारीलाल नंदा को याद करें।
उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि यशवंत सिन्हा सरकारी बंगले का बकाया किराया देने के इच्छुक नहीं दिख रहे है। फ़िनलैंड के एक प्रधानमंत्री की 1981 में आकस्मिक मृत्यु हो गई तब उनकी पत्नी पति द्वारा लाई गई पेन्सिल तक वापस करने गई। अधिकांश देशों में मंत्री सरकारी नहीं अपने निजी मकान में रहते हैं।