Friday, November 22, 2024
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विदेश नीति में राष्ट्र हित सर्वोपरि

राजनीतिक विश्लेषक

मोदी सरकार ने सबसे सरल ,विश्वसनीय और शक्तिशाली मंत्र को ‘ भारत प्रथम ‘ लेकर नागरिकों व व्यक्तियों( दूसरे देश के नागरिकों) का दिल जीता है। ‘ सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास ‘ की अवधारणा विदेश नीति/ बैदेशिक नीति के प्रसंग में उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि घरेलू स्तर पर।

इन्हीं लोकमत के मंत्रों की विश्वसनीयता पर मोदी सरकार एक ओर देश की सीमा की रक्षा कर रहा है, तो दूसरी ओर विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब दे रही दे रहा है। यही मंत्र विदेशों में भारत को बढ़ावा देने और परदेस में प्रवासियों की सुरक्षा में सहायक है ।मोदी जी की सक्रियता राष्ट्रवाद के प्रति आक्रामक भारतीयों और प्रवासियों के सहयोग में निर्णायक भूमिका निभा रही है।

मोदी जी आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) की नीति ने यह सुनिश्चित किया है कि देश आज पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित है। जम्मू – कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। आतंकवादी घटनाओं की संख्या 2018 में 417 थी, जो 2021 में घटकर 229 हो गई है, जबकि शहीद होने वाले सैनिकों की संख्या 2018 में 91 से घटकर 2021 में 42 हो गई है। जम्मू- कश्मीर में पथराव की घटनाएं नहीं हो रही है क्योंकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार जनता के साथ विकास पथ पर अग्रसर है।

आतंकी घटनाओं में करीब 54%, सुरक्षाबलों की मौत में 84% और आतंकियों की भर्ती में 22 % की कमी आई है। प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत जम्मू में 8000 करोड़ की लागत से 63 परियोजनाओं का निर्माण हुआ है। जलविद्युत में 4287 करोड़ की लागत से किरू परियोजना संपूर्णता की ओर अग्रसर है ।वर्तमान में प्रत्येक देश अपने जीवन के अधिकार ,स्वतंत्रता के अधिकार और संपत्ति के अधिकार को लेकर सुरक्षित है। आतंकवादी गतिविधियों में पहले से कमी आई है, जबकि आतंकवाद पर मोदी जी – वाइडन जी एक साथ हैं।

वैश्विक स्तर पर भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान को सख्त हिदायत दिया है कि वह सुनिश्चित करें कि उसकी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए ना हो तो उन्होंने शीर्ष स्तर पर आतंकवाद और कट्टरता वाद पर बढ़ते खतरे पर गंभीरता से वार्ता किया है ।आतंकवादी गतिविधियों को सरकारी नीति के तौर पर बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान को सख्त शब्दों में निर्देश दिया है। भारत और अमेरिका वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक साथ हैं और प्रत्येक प्रकार के आतंकवाद और कट्टरवाद की निंदा करते हैं। मोदी जी और वाइडन जी की संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आतंकवादी संगठन जैसे अलकायदा ,जैस ए मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील करते हैं।

भारत और अमेरिका की सरकारों ने आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के तहत और ज्यादा सहयोग करने की बात कही है ।भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अग्रणी व अनुगमन नेतृत्व कर रहा है। आतंकवाद के प्रत्येक प्रकार व रूप का भारत विरोध करता है क्योंकि आतंकवाद मानवीय सभ्यता व संस्कृति का प्रबल शत्रु है ।2016 के पश्चात जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में आतंकवाद के कारण एक भी मौत नहीं हुआ हैं।

मोदी जी के नेतृत्व में भारत वैश्विक स्तर पर विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व कर रहा है ।भारत जलवायु न्याय के विषय पर वार्ता कर रहा है। नवीन भारत की नूतन अवधारणा प्रत्येक स्तर पर दिखाई दे रहा है इसका नवोन्मेष हमारे रक्षा उत्पाद और निर्यात में भी दिखाई दे रहा है। व्यवसाय करने में आसानी को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए कदमों में मौजूदा प्रक्रियाओं का सरलीकरण और युक्तिसंगत बनाना शामिल है । देश के निवेश माहौल में सुधार के लिए किए सरकार प्रोत्साहित कर रही है, एवं डिफेंस स्टार्टअप के लिए 500 करोड़ रुपए की स्वीकृति सरकार द्वारा किया गया है। इसकी उपादेयता है कि बुनियादी हथियारों और रक्षा उपकरण के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर रहने वाला देश आज रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है ।

भारत ने 85 देशों को निर्यात करता है। भारत के रक्षा उत्पादों की खास विशिष्ट विशेषता है कि यह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। समकालीन समय में भारत ने अमेरिका के साथ जी इ- एच ए एल जेट इंजन डील से भारत को तेजस mk2, G5 फाइटर जेट बनाने में सहयोग प्राप्त कर रहा है। 3 अरब डालर के mq-9 ड्रोन के लिए सौदा हुआ है, जो भारत की सामरिक क्षमता की प्रगाढ़ता को बढ़ाने वाला है। वित्त वर्ष 2014 में भारत का रक्षा निर्यात 686 करो रुपए था , वहीं अब 2022- 23 में अब बढ़कर ₹16000 पर पहुंच गया है।

इन समय अंतराल में देश की रक्षा निर्यात में करीब 23 गुना का उछाल आया है। भारत सरकार के आत्मनिर्भर योजना से ही ऐसा संभव हो पाया है कि देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सका है। यह महत्वपूर्ण सफलता सरकार के सदप्रयासो से ही संभव हुआ है। मोदी जी के नेतृत्व में भारत की सेना मजबूत हुई है, आधारभूत संरचना को बढ़ाया है, आर्थिक विकास को गति दी है। भारत और अमेरिका 21वी सदी को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इसी दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अमेरिका का राजकीय यात्रा दोनों देशों के बीच आपसी प्रगाढ़ता, रक्षा सहयोग ,वाणिज्य, रणनीतिक तकनीकी सहयोग की दिशा में ऐतिहासिक प्रयास है।

यह दोनों देशों के लिए नवाचार,शोध व नवोन्मेष और आर्थिक क्रियाशीलता के लिए मंच है, जिसमें दोनों देशों को एक दूसरे की बदलते परिवेश में आवश्यकता है। मोदी सरकार ने रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहन करने अर्थात मोदी सरकार द्वारा रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को गति देने के लिए और 101 हथियारों और प्लेटफार्म को स्वदेशी बनाने का ऐतिहासिक निर्णय करके सरकार ने रक्षा उत्पादन को बढ़ा रही है ये हथियार व प्लेटफार्म घरेलू उद्योग को बढ़ावा देंगे और देश में अनुसंधान व विकास और विनिर्माण क्षमता को उच्चीकृत करेंगे।

सरकार का उद्देश्य एक ऐसे वातावरण का निर्माण करना है ,जहां सार्वजनिक, निजी क्षेत्र व विदेशी संस्थाएं मिलकर काम कर सकें और भारत को रक्षा निर्माण में अग्रणी देशों में उचित स्थान दिलवाए। विदेशी निवेश को आकर्षित करने की दिशा में रक्षा विनिर्माण कॉरिडोर का निर्माण एक महत्वपूर्ण माध्यम है। सरकार नीतिगत सुधारों से लेकर आर्थिक सुधारों तक कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर सरकार द्वारा उठाए गए कदम ऐतिहासिक और दूरगामी हैं।

भारत में अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनियों के संयंत्र लगाए जाएंगे, जिससे सेमीकंडक्टर की उत्पादकता में उन्नयन होगा।LAM 60 हजार अभियंताओं को प्रशिक्षित करेगा, एवं 100 भारतीय भाषाओं के लिए गूगल एआई सपोर्ट किया जाएगा। भारत का परमाणु ऊर्जा विभाग अमेरिका के पार्टिकल एक्स लेटर में निवेश करेगा एवं भारतीय कंपनी स्टार लाइट साउथ कैरोलिना में फाइबर केबल निर्माण करेगी ।

मोदी जी के कुशल नेतृत्व में भारत की सेना मजबूत हुई है, आधारभूत संरचना में उन्नति हुआ है, आर्थिक विकास को गति प्राप्त हुई है और कूटनीतिक मोर्चे पर कुशलता का प्रदर्शन हुआ है। कोविड-19 (कोरोना महामारी) के दौरान चीन ने सीमा पर गलवन घाटी में भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश किया तो भारत ने उसको मुंहतोड़ और आक्रामक जवाब दिया। मॉडर्न वैपनारी मैगजीन के जून, 2020 के अंक में चीनी मूल के सीनियर एडिटर हुआंग गुओसी ने लिखा है, ‘ वर्तमान समय में पहाड़ और पठार के मामले में सबसे बड़ी एवं अनुभवी सेना अमेरिका, रूस एवं यूरोपीय देशों के पास नहीं बल्कि भारत के पास है ।’

उपर्युक्त लेख के द्वारा इस संप्रत्यय का संकेत मिलता है कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत का विदेश नीति सर्वोपरि है।भारत ने प्रत्येक उस अव्यय के विकास में योग दिया है जिससे विदेश नीति की सर्वोपरिता,उच्चतर स्थिति एवं तुलनात्मक उपादेयता बन सके।

(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं)

एक निवेदन

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