केल्सी रे और 2बी1 के लिए ताली बजाइए, जो बेकार समझ कर फेंक दी गई चीज़ों को रिसाइकल कर वाद्य यंत्रों को तैयार करने के साथ ही लोगों को जलवायु परिवर्तन के बारे में भी जागरूक करते हैं।
अमेरिकी बैंड केल्सी रे और 2बी1 बेकार समझ कर फेंक दी जाने वाली चीज़ों को संगीत उपकरणों के रूप में नया जीवन देता है।
केल्सी रे और 2बी1 आपको अपने कूड़ेदान से निकली धुन पर थिरकने को मजबूर कर सकते हैं। यह पांच सदस्यीय अमेरिकी बैंड बेकार समझ कर फेंक दी जाने वाली चीज़ों को संगीत उपकरणों के रूप में नया जीवन देता है और फिर पूरी दुनिया में अपने संगीत प्रदर्शनों में उनका इस्तेमाल करता है।
इस समूह में केल्सी रे, इवान क्रूज़, पाब्लो बारागन, रियान दाहिर और एंथनी ग्रांट शामिल हैं। यह समूह जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से पिछले एक दशक से दुनिया भर में भ्रमण कर रहा है। यह समूह सूटकेसों, टूलबॉक्सों, धातु से बने कूड़ेदानों, रबर बैरलों, बर्तनों और कचरा स्थलों पर फेंक दी जाने वाली अन्य चीजों का पुनर्प्रयोग करता है और अपने ग्रह को बचाने का संदेश प्रसारित करता है।
बैंड ने वर्ष 2023 में नई दिल्ली, मुंबई और पुणे में अपनी प्रस्तुतियां दीं। स्पैन ने नई दिल्ली स्थित अमेरिकन सेंटर में क्लाइमेट एक्शन फेस्टिवल के आयोजन के दौरान 2बी1 के प्रमुख केल्सी रे से बातचीत की।
प्रस्तुत है उनसे इंटरव्यू के प्रमुख अंश:
जलवायु संकट से निपटने के प्रयासों में संगीत की भूमिका को आप किस तरह से देखते हैं?
मेरा मानना है कि जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के मामले में युवाओं और सभी उम के लोगों में संगीत की भूमिका बीजारोपण की तरह है। संगीत एक सार्वभौमिक भाषा है, और जबकि लोग जलवायु परिवर्तन के नतीजों का अहसास कर रहे है, हमारा संगीत हमारे ग्रह की आवाज बन कर सामने आता है।
आप जिन संगीत उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं, उनके बारे में बताइए। क्या उनमें आपका कोई पसंदीदा उपकरण भी है?
हमारे पास अनूठे उपकरणों का विस्तृत दायरा है- टूल बॉक्स और वॉशबोर्ड गिटार, ट्रैश कैंस, रबर बैरल, पॉट, पैन और काफी कुछ। मैं कहूंगा कि मुझे गिटार सबसे अधिक पंसद हैं। वे हमेशा किसी न किसी तरह से रचनात्मक संवाद का जरिया बनते हैं।
आपको अपने रिसाइकिल सामग्री से बने संगीत उपकरणों के बारे में किस तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली?
हमने सुना है कि हमारे शो देखने के बाद बहुत-से युवाओं ने कचरे का फिर से इस्तेमाल करते हुए उपकरण. आर्ट प्रोजेक्ट और यहां तक कि कपड़ों की डिजाइनों को तैयार करना शुरू कर दिया। हमारे प्रदर्शन का एक बड़ा हिस्सा अपने श्रोताओं की उसमें सहभागिता है और हालात को बदलने के बारे में उनके विचारों और तरीकों को साझा करने का है। हमने जिस तरह की प्रतिक्रिया और रचनात्मकता को देखा है, वह अद्भुत है।
युवाओं को और अधिक रिसाइकलिंग को अपनाने के लिए प्रेरित करने के बारे में आपके क्या विचार हैं?
पूरा उद्देश्य ही लगातार युवाओं को प्रेरित करते रहने का है, जब तक मैं कर पाऊं। मैं यकीन करता हूं कि बदलाव को लाने में रिसाइकलिंग की एक बड़ी भूमिका है। हालांकि कचरे को कम करना भी उतना ही महत्वपर्ू्ण है। इसीलिए मैं, गीतों के जरिए संवाद को बनाए रखने के लिए समर्पित हूं। मैं महसूस करता हूं कि शायद इसी वजह से मुझे आवाज का उपहार मिला हुआ है, यह खुद के लिए कुछ करने से कहीं आगे के लिए है।
आप उन गीतों के माध्यम से, जिनसे युवा पीढ़ी परिचित है, किस तरह से पर्यावरण पर उसके असर के संवाद के साथ जोड़ पाते हैं?
शो की ऊर्जा और विविधता ही असर छोड़ती है। हमारे युवा दर्शक उनमें से कुछ गानों को जानते हैं लेकिन सभी को नहीं। हम बॉब मार्ले से लेकर माइकल जैक्सन तक के गीतों को सम्मिलित करते हैं और हमारे पास हमारे अपने कुछ मौलिक गाने भी हैं जैसे कि, ‘‘बी वन वर्ल्ड,’’ और ‘‘कॉलिंग आउट’’ (दोनों की रिकॉर्डिंग अफ्रीका में हुई)। ये सभी आपको बेहतर महसूस कराने वाले, आशा जगाने वाले और ऊर्जा से भरने का अहसास कराने के लिए हैं।
2बी1 के माध्यम से आप क्या संदेश देना चाहते हैं?
हमारा मकसद दुनिया भर में हर नस्ल, संस्कृति, और आयु वर्ग के लोगों के साथ जुड़ाव जारी रखने का है। हम सब इसमें एक साथ हैं और इस ग्रह पर मौजूद हर प्राणी से हमारा जुड़ाव है। हमारा संदेश है, अपने ग्रह के साथ 2बी1 (यानी एक होकर) होना और एक-दूसरे के साथ भी 2बी1 (यानी एक होकर) रहना।
कृपया भारत में अपनी प्रस्तुतियों के के दौरान हुए अनुभवों के बारे में बताएं।
भारत एक आश्चर्यजनक अनुभव था। यहां के युवाओं और लोगों ने हमें हमारी सोच से कहीं ज्यादा प्रेरित किया। हम सौभाग्यशाली थे कि हमें अद्भुत कठपुतली कलाकार रामलाल भट्ट और प्रतिभाशाली ड्रम वादकों के समूह धारावी रॉक्स के साथ कई स्कूलों में प्रस्तुतियां देने का सौभाग्य मिला। हम एक-दूसरे से जुड़े और बहुत-से दोस्त बनाए। भारत के बारे में, यहां के व्यंजनों और समृद्ध संस्कृति के बारे में हमने काफी कुछ जाना-समझा।
(फोटोग्राफः साभार ड्रूलियो फोटोग्राफी)
साभार -https://spanmag.com/hi/ से