Sunday, November 24, 2024
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हड़ोती के साहित्य क्षितिज के चमकते सितारे

राजेन्द्र कुमार निर्मल
कवि, समीक्षक शिक्षाविद, वार्ताकार व पर्यटन लेखक राजेन्द्र कुमार निर्मल बूंदी की ऐसी शख्शियत हैं जो हाड़ोती में शिक्षा और साहित्य की अलख जगा रहे हैं। हाल ही में आप द्वारा निर्मित स्कूल ऑफ सक्सेस फिल्म में आपके विद्यालय का चित्र चित्रण पूरे देश में देखा जा रहा है।

साहित्य के क्षेत्र में आपके गीत, नाटक, शोधपत्र,आलेख अनेक पत्र – पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। प्रमुख रूप से अन्तर्राष्ट्रीय रिसर्च जर्नल – प्रमाण 2018 में, और चिंतन 2018 में शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। साहित्य चन्द्रिका 2018 में – शिक्षा सहसम्बन्ध, प्रमाण 2019 में शोध पत्र,गोमती काव्य संकलन में 8 रचनायें, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में कुर्सी और मया रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। भारतीय वांग्मय मे नारी चेतना -2021 में सिस्टर निवेदिता पर लेख प्रकाशित हुआ है।

आपको 2008 में जिला स्तर तथा 2018 राज्य स्तर पर पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया है। छत्तीसगढ़ एक्स्प्रेस द्वारा साहित्य रत्न सम्मान 2018 एवं जी. वी. प्रकाशन पंजाब द्वारा राजस्थान गौरव सम्मान तथा शिक्षाविद तेजकरन डांडिया स्मृती में राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया है।

परिचय : आपका जन्म 19 नवंबर 1971 को बूंदी जिले के नैनवा कस्बे में माता केशर बाई ओर पिता छीतर लाल के आंगन में हुआ। आपने राजकीय महाविद्यालय बूंदी से विज्ञान में स्नातक एवं भूगोल में स्नातकोत्तर तथा कोटा से शिक्षा में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। सेवा में आने के बाद आपने बूंदी जिले के पर्यटन विषय पर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। आपने शिक्षा में स्नातकोत्तर और पत्रकारिता में स्नातक तथा निर्देशन और परामर्श में डिप्लोमा भी किया। आप जाने – माने शिक्षाविद है, आपके कार्य और प्रशासन व विद्यालय की ख्याति प्रदेश भर में हैं। आपके नवाचार पूरे प्रदेश में नजीर बन गए हैं।

आपके विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगिताओं में जिले, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के साथ – साथ अर्न्तराष्ट्रीय स्तर भी अपनी दक्षता और विद्वता का लोहा मनवा चुके हैं। आप वर्तमान में बूंदी में निवास कर रहे हैं और स्वामी विवेकानंद राजकीय माॅडल स्कूल हिंडोली में प्रधानाचार्य के पद पर सेवाएँ दे रहे हैं।

मोहनलाल शर्मा
बूंदी के मोहन लाल शर्मा ने साहित्य के क्षेत्र में कवि और लेखक के रूप में अपनी पहचान कायम की है। इन्होंने काव्य गोष्ठियों का आयोजन व सहभागिता की है। देश की विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं प्रकाशित होती हैं। आपकी एक पुस्तक ” योग व भोग ” 2023 में प्रकाशित हुई है। आपको जालंधर से “राजस्थान गौरव सम्मान”, हिन्दी साहित्य समिति बूंदी द्वारा ” साहित्य रत्न सम्मान” और वर्ष 2006 में पुलिस विभाग के जिलों में योग प्रशिक्षण देने पर प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। बूंदी उत्सव पर चित्रकला में आपको सम्मान पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। आपका जन्म 4 जनवरी,
1947 को पिता स्व नंदलाल एवं माता स्व लुंगा बाई के परिवार में हुआ। आपने चित्रकला में स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्ति को है। आप बूंदी हिंदी समीति में संयुक्त सचिव हैं।

सूर्य प्रकाश पाठक
बूंदी के सूर्यप्रकाश ने संगीत और साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है। आपने अब तक लगभग दौ सौ ग़ज़ले ,कविताऎ, नज़्म, हिन्दी ग़ज़ल व आजा़द शेर व क़तआत लिख चुके हैं। आपकी रचनाओं का प्रकाशन राजस्थान पत्रिका, नव भारत टाइम्स, नव ज्योति,राष्ट्रदूत गोमती, गीतकार ( दिल्ली) कालिका(जालंधर) में निरंतर प्रकाशित होती है। आपका ग़ज़ल संग्रह “”सरगोशियां” प्रकाशनाधीन है। आपको अटल बिहारी वाजपेयी सम्मान( जी.वी. प्रकाशन), कलागुरु सम्मान (संस्कार भारती) साहित्य रत्न सम्मान ( हिन्दी साहित्य समिति), राजस्थान गौरव सम्मान(जी. वी. प्रकाशन) ,नवकुंभ साहित्य सेवा संस्थान द्वारा कलमवीर व साहित्य सुनीत अलंकरण से सम्मानित किया गया है। आपको गोपालदास नीरज साहित्य संस्थान अखिल भारतीय स्तर द्वारा उत्कृष्ट लेखन , व आनलाइन काव्यपाठ हेतु सम्मान पत्र और काव्यांगन साहित्य संस्था द्वारा आनलाईन काव्य पाठ हैतु सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

शैलेंद्र सिंह “शलभ”
आप व्यंग्य और ओझ के कवि हैं। साझा काव्य संकलनों में इनकी रचनाएँ प्रकाशित होती हैं। ये कवि सम्मेलनों और काव्य गोष्ठियों में सहभागिता कर काव्यपाठ करते हैं। आपको हिन्दी साहित्य समिति, बूँदी के सदस्य हैं।आपको साहित्य सम्मान 2016 ग्वालियर (मध्य प्रदेश), अखिल भारतीय सेवा समिति द्वारा प्रशस्ति पत्र, जीवी प्रकाशन जालंधर द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति सम्मान, राजस्थान गौरव सम्मान और हिंदी सेवा समिति बूंदी द्वारा व्यंग्यकार की उपाधि से सम्मानित किया गया है। आपका जन्म 27 अप्रैल 1980 को पिता शंभू सिंह एवं माता आनंद कंवर के परिवार में हुआ।

प्रकाश कसेरा ‘परचम’
राष्ट्रीय औझ शोर्य कवि प्रकाश कसेरा ‘ परचम’ कवि सम्मेलनों और काव्य गोष्ठियों में भागीदारी कर काव्यपाठ करते हैं। आप बूंदी की हिंदी साहित्य समिति में सचिव है। आपको साहित्य सेवा के लिए काव्य शिरोमणि तुलसीदास सम्मान वर्ष 2007, गुना से साहित्य श्री सम्मान,हाडोती गौरव सम्मान पत्र 2022, जालंधर से काव्य शिरोमणि केदारनाथ सिंह स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया है। आपका जन्म 7 जुलाई 1970 को पिता कन्हैयालाल कसेरा एवं माता पार्वती बाई के परिवार में हुआ।
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डॉ.प्रभात कुमार सिंघल
लेखक एवं पत्रकार, कोटा

एक निवेदन

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