स्वच्छता मानवीय जीवन और मानवीय समाज के लिए स्वास्थ्यवर्धक व्यायाम है। भारत के 140 करोड़ लोक की लोक शक्ति अपनी गत्यात्मक ऊर्जा के साथ संकल्प को सफल करने के लिए संकल्पित हो जाए तो वह जन आंदोलन अपनी सफलता के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से यह तथ्य प्रमाणित है कि ब्रिटिश हुकूमत, जिसके विषय में कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्यास्त नहीं होता है, उस अपराजेय ब्रिटिश हुकूमत के प्रति भारत की लोक शक्ति/ जनमानस आंदोलित हुए, जिसके कारण ब्रिटिश हुकूमत को भारत से अपना बोरिया बिस्तर उठाना पड़ा था। 140 करोड़ भारतीयों का भारत को स्वच्छ बनाने के लिए एकजुट हो रहे हैं।
भारत जनमानस के 140 करोड़ भारतीयों का अपने राष्ट्र को स्वच्छ बनाए रखने का स्वप्पन उर्जित हुआ है ।140 करोड़ भारतीयों ने अपने सोच को विचारवान किया है। सब भारतीयों ने स्वच्छ भारत मिशन को एक जन आंदोलन में बदल दिया है ।जिन्होंने स्वच्छता को अपनी दैनिक जीवन में सर्वोच्च प्राथमिकता को देना आरंभ किया है। जन आंदोलन से जुड़े बहुत से व्यक्तियों ने ग्रामीण स्वच्छता बढ़ाने के लिए अपने संपत्ति को दे दिए। एक अवकाश प्राप्त शिक्षक ने अपनी संपूर्ण पेंशन को दान कर दिया था ।एक महिला ने अपने घर में शौचालय बनवाने के लिए अपने मंगलसूत्र को बेच दिया था।
भारत में अद्यतन 11 करोड़ से अधिक शौचालय का निर्माण हो चुका है। एक गैर सरकारी संगठन के रपट के अनुसार, ग्रामीण स्वच्छता का प्रतिशत लगभग लगभग शत – प्रतिशत(१००%) हो चुका है। स्वच्छ भारत की सफलता संतोषजनक है ।स्वच्छता अभियान की उपादेयता सर्वाधिक गरीब भाइयों एवं ग्रामीण महिलाओं को प्राप्त हुआ है। इसने इनके आत्म स्वाभिमान ,गरिमा और इज्जत को बढ़ाया है। शौचालय के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं खुले में शौच से बचने के लिए लंबे अंतराल तक इंतजार करती थी ,जिससे उनको अन्य बीमारियां जकड़ लेती थी। बीमारियों से ग्रस्त परिवार आर्थिक उन्नत करने में असमर्थ होता है ,जिससे परिवार की स्वतंत्रता बाधित होती है। आर्थिक अभाव में समूची पारिवारिक व्यवस्था विक्षोभित हो जाती है।” स्वच्छ भारत मिशन की सफलता किसी भी आंकड़े से ऊपर है ।इस अभियान ने सबसे ज्यादा लाभ देश के गरीब परिवारों और देश की महिलाओं को दिया है।”
भारतवासियों ने स्वच्छता अभियान को पूरी ईमानदारी से कार्य किया है। स्वच्छ भारत अभियान लाखों जीवन को संरक्षित व सुरक्षित करने का माध्यम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रपट के अनुसार ,स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत 3 लाख जिंदगियां /जीवन को बचाने में सहयोग किया है। इसी प्रकार यूनिसेफ के अनुसार ,गांव में रहने वाला प्रत्येक परिवार अपने आवासीय भूखंड में शौचालय बनवा रहा है ,उसे कम से कम ₹50 की वार्षिक बचत हो रही है। बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की रपट के अनुसार ,भारत में ग्रामीण स्वच्छता बढ़ने से व्यक्तियों में हृदय रोग , स्ट्रोक एवं पित्ताशय के कैंसर में कमी आई है ,और महिलाओं और पुरुषों के बीएमआई (बॉडी मार्क्स इंडेक्स) में भी काफी हद तक सुधार हुआ है ।
महात्मा गांधी ने कहा था कि वह अपने जीवन में स्वतंत्रता से ज्यादा स्वच्छता पर अभ्यास करते हैं ।महात्मा गांधी के सपने को भारतीयों ने अपने कार्य व्यवहार से सफल कर रहे हैं।महात्मा गांधी जी कहते थे कि एक आदर्श गांव तभी बन सकता है ,जब वह पूरी तरह स्वच्छ हो ।संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO )की स्थापना के समय से इसका मौलिक उद्देश्य लोगों के जीवन को गुणात्मक और बेहतर बनाना रहा है ।स्वच्छ भारत अभियान ने करोड़ों भारतीयों के जीवन का गुणात्मक उन्नयन किया है, बल्कि भारतीयों के जीवन को गरिमामय गुणवत्ता प्रदान किया है एवं संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में मौलिक योगदान प्रदान किया है ।
“संयुक्त राष्ट्र के जन्म के काल से इसका मौलिक उद्देश्य लोगों के जीवन को बेहतर बनाना रहा है। स्वच्छ भारत अभियान ने भारत के करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है, उनके जीवन की गरिमा का उन्नयन किया है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के मौलिक उद्देश्यों और सैद्धांतिक पक्षों के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है”।
यूनिसेफ(UNICEF )के अध्ययन और रपट में यह तथ्य सामने आया कि विगत 7 साल में भू – जल की गुणवत्ता बहुत सुधरी है और इस गुणात्मक सुधार में महत्वपूर्ण और मूल्यवान उपादेयता स्वच्छ भारत अभियान का है। स्वच्छ भारत अभियान के दौरान 11 करोड़ शौचालयों ने ग्रामीण स्तर पर रोजगार सृजन में सहयोग किया है ।शौचालय निर्माण के लिए जुटाए गए कच्चे माल ने महिलाओं के लिए आर्थिक स्थिति सुधारने में सहयोग किया है। स्वच्छ भारत अभियान ने जमीनी स्तर पर गरीबों को रोजगार के नए अवसर प्रदान किए हैं।
एक सशक्त और स्थिर राजनीतिक नेतृत्व की सफलता तभी संभव हो सकता है, जब जनता की मूलभूत सुविधाएं जैसे बैंकिंग, शौचालय ,एलपीजी सिलेंडर, नल से जल ,बिजली कनेक्शन और स्वास्थ्य सेवा आसानी से प्राप्त हो सके ।इन सुविधाओं के प्राप्त होने से जनता में राजनीतिक आभार का उन्नयन होता है जो उनको सरकार के प्रति अनुशासित और उत्तरदाई बनता है। स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल पहुंचाने का अभियान, उज्ज्वला योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को मुक्त एवं सब्सिडी एलपीजी कनेक्शन जैसे शासकीय योजनाओं ने गरीबी उन्मूलन में बहुत बड़ी भूमिका निभाया है।