मुंबई। चित्रनगरी संवाद मंच मुम्बई में रविवार 29 अक्टूबर 2023 को आयोजित पुस्तक परिचय कार्यक्रम में रीता दास राम ने अपने उपन्यास “पच्चीकारियों के दरकते अक्स” के कथ्य के बारे में बताया। उनके अनुसार समाज में परंपराओं, मान्यताओं और रीति-रिवाजों की पच्चीकारियाँ टूट रही हैं। पुरानी नक्काशियाँ नए रूप गढ़ रही हैं। रीति-रिवाज बदल रहे हैं। ‘पच्चीकारियों के दरकते अक्स’ नए समय के बदलाव को प्रस्तुत करता है। चाहे वह लिव इन में रहना हो या किन्नर बच्चे को अपनाना। वह बदलते समाज की तस्वीर पाठकों के समक्ष लाता है। रीता जी ने इस उपन्यास के एक अंश का पाठ भी किया। डॉ मधुबाला शुक्ला के एक सवाल के जवाब में रीता दास राम ने अपनी ज़िंदगी से जुड़े कुछ मार्मिक संस्मरण सुनाए।
मृणालताई हाल, केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट, गोरेगांव में आयोजित इस कार्यक्रम में कथाकार प्रभात समीर ने ‘ज़िंदगी का नया दायरा’ कहानी का पाठ किया। इस कहानी में वृद्धाश्रम के जीवन को एक नए कोण से देखने की सराहनीय कोशिश थी।
दूसरे सत्र में चुनिंदा रचनाकारों ने कविता पाठ किया। इनके नाम हैं – श्रुति भट्टाचार्य, पूनम विश्वकर्मा, सावी दत्त, रेखा बब्बल, रोशनी किरण, रीता दास राम, गुलशन मदान, ताज मोहम्मद सिद्दीक़ी, अजय शुक्ल बनारसी, क़मर हाजीपुरी, इंद्रनील, जवाहरलाल निर्झर, हरीश शर्मा यमदूत, हीरालाल यादव, अनिल गौड़, आकाश ठाकुर और देहरादून से पधारे अपर्णा बाजपेई एवं सुबोध बाजपेई। श्रोताओं में झारखंड से पधारे रंगकर्मी दिनकर शर्मा भी मौजूद थे।