अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद काशी के ज्ञानवापी मंदिर में भी हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिल गया है। इसके साथ ही मथुरा में भगवान कृष्ण की जन्मभूमि को लेकर भी मामला गर्माया हुआ है। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा 5 गांव मांगे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि हम तो काशी, मथुरा और अयोध्या केवल ये 3 ही मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए 500 साल तक इंतजार किया। लेकिन हमने जो कहा उसे निभाया और मंदिर वहीं बनाया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब मैं अन्याय के बारे में बोलता हूं, तो हमें 5,000 साल पुरानी बात याद आती है। उस समय पांडवों के साथ भी अन्याय हुआ था। अयोध्या, काशी और मथुरा के साथ भी ऐसा ही हुआ था। ये तीनों जगह हिंदुओं की आस्था का केंद्र हैं। वे तीन विशेष स्थान हैं। वे सामान्य जगह नहीं हैं। वे भगवान के अवतार के स्थान हैं। अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है, मथुरा भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है और काशी में ज्ञानवापी स्थल को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
कौरव-पांडव के बीच हुए महाभारत युद्ध के पीछे कई कारण थे। यह धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई थी। इस युद्ध के बीच एक बड़ी वजह जमीन या राज्य का बंटवारा था। दुर्योधन, पांडवों को राज्य नहीं देना चाहता था। कई दिनों तक यह विवाद चला और जब इसका कोई हल नहीं निकला तो आखिर में भगवान कृष्ण पांडवों की ओर से शांतिदूत बनकर हस्तिनापुर गए। इसमें उन्होंने कौरवों से कहा कि वे पांडवों को केवल 5 गांव ही दे दें। ताकि वे अपना जीवनयापन कर सकें। इस पर दुर्योधन ने गुस्से में कहा कि वह पांडवों को 5 गांव तो क्या सुई की नोंक बराबर जमीन भी नहीं देगा। बस, इसके बाद ही महाभारत का युद्ध हुआ अैर इसमें 1 लाख से ज्यादा लोग मारे गए। पांडवों के साथ हुए इस अन्याय के बाद हुए महाभारत युद्ध में कौरवों का सर्वनाश हुआ।