Tuesday, November 26, 2024
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दुनिया में एक मिसाल बनेगा अनंत अंबानी का वनतारा

जामनगर। रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन ने अपने वनतारा (स्टार ऑफ द फॉरेस्ट) कार्यक्रम के लॉन्च की घोषणा की। वनतारा भारत और विदेश दोनों में घायल और खतरे में पड़े जानवरों के बचाव, उपचार, देखभाल और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करने की एक व्यापक पहल है। गुजरात में रिलायंस के जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट के भीतर 3000 एकड़ में फैले, वनतारा का लक्ष्य विश्व स्तर पर संरक्षण प्रयासों में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक बनना है। जानवरों की देखभाल और कल्याण में अग्रणी विशेषज्ञों के साथ काम करके, वनतारा ने 3000 एकड़ के विशाल स्थान को जंगल जैसे वातावरण में बदल दिया है। जानवरों की बचाई गई प्रजातियों के पनपने के लिए यह बिलकुल प्राकृतिक, समृद्ध, और हरा-भरा स्थान बन गया है।

वनतारा, भारत में अपनी तरह का पहला इनिशिएटिव है, जिसे आरआईएल और रिलायंस फाउंडेशन के निदेशक मंडल के निदेशक अनंत अंबानी के नेतृत्व में संकल्पित और शुरू किया गया है। अनंत अंबानी जामनगर में रिलायंस के महत्वाकांक्षी रिन्यूएबल एनर्जी बिजनेस का भी नेतृत्व कर रहे हैं. 2035 तक नेट कार्बन जीरो कंपनी बनने की रिलायंस की यात्रा का नेतृत्व का बोझ भी उन्हीं के कंधों पर है।

वनतारा सबसे बेहतरीन श्रेणी के पशु संरक्षण (Animal conservation) और केयर प्रैक्टिस वाला ऐसा सेंटर है, जहां अत्याधुनिक हेल्थ केयर के साथ-साथ अस्पताल, रिसर्च सेंटर और शैक्षणिक केंद्र भी हैं। अपने कार्यक्रमों में, वनतारा उन्नत अनुसंधान को एकीकृत करने और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संगठनों जैसे कि इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) और वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के साथ सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित करता है।

अनंत अंबानी ने इस बारे में एक टीवी चैनल का दिए इंटरव्यू में बताया कि जब वो 12 साल के थे, तब जयपुर से रणथंबौर जाते वक्त उन्होंने रास्ते में एक छोटे हाथी को देखा। वह काफी बुरी हालत में था, तब उन्होंने अपनी मां नीता अंबानी से उसे बचाने के लिए कहा। हम उस हाथी को अपने साथ ले आए और आज करीब एक दशक से भी ज्यादा समय के बाद हम ‘वनतारा’ प्रोजेक्ट को शुरू कर पाए हैं. तब हमें हाथी की देखभाल के बारे में कुछ नहीं पता था, आज हमारे पास हाथियों की देखभाल के लिए 300-400 प्रोफेशल्स की टीम है।

रिलायंस ग्रुप का कहना है कि आज ‘वनतारा’ में 200 से ज्यादा हाथी हैं, 300 के करीब बड़ी बिल्लियां जैसे तेंदुआ, बाघ, शेर और जगुआर हैं। यहां मगरमच्छ, सांप और कछुआ समेत करीब 1200 सरीसृप (रेपटाइल्स) भी हैं।

हाल ही में, वनतारा ने मेक्सिको, वेनेजुएला आदि देशों में विदेशी बचाव अभियानों में भी भाग लिया है. मध्य अमेरिकी चिड़ियाघर अधिकारियों के एक कॉल पर कई बड़े जानवरों को यहां लाया गया है। ऐसे सभी बचाव और पुनर्वास मिशन भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सख्त कानूनी और नियामक ढांचे के तहत किए जाते हैं।

अनंत अंबानी ने कहा, “जो चीज़ मेरे लिए बहुत कम उम्र में एक जुनून के रूप में शुरू हुई थी, वह अब वनतारा और हमारी शानदारी टीम के रूप में एक मिशन बन गई है। हम भारत की गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम महत्वपूर्ण आवासों को बहाल करना और प्रजातियों के लिए तत्काल खतरों का समाधान करना चाहते हैं और वनतारा को एक अग्रणी संरक्षण कार्यक्रम के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। हमें खुशी है कि हमारे प्रयासों को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।

भारत और दुनिया के कुछ शीर्ष जूलॉजिकल और चिकित्सा विशेषज्ञ हमारे मिशन में शामिल हुए हैं और हमें सरकारी निकायों, अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थानों का सक्रिय सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। वनतारा का लक्ष्य भारतीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और अन्य संबंधित सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी करना और भारत के सभी 150 से अधिक चिड़ियाघरों को बेहतर बनाने के लिए वहां प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और एनिमल केयर के बुनियादी ढांचे पर काम करना है। हमें उम्मीद है कि वनतारा विश्व स्तर पर आशा की किरण बनेगा और यह संदेश देगा कि कैसे एक दूरदर्शी संस्थान वैश्विक जैव विविधता संरक्षण में मदद कर सकता है।

उस दर्शन के बारे में बताते हुए जिसने उन्हें वनतारा स्थापित करने के लिए प्रेरित किया, अनंत अंबानी कहते हैं, “वनतारा आधुनिक वैज्ञानिक और तकनीकी व्यावसायिकता की उत्कृष्टता के साथ करुणा के सदियों पुराने नैतिक मूल्य का एक संयोजन है। मैं जीव सेवा (एनिमल केयर) को ईश्वर के साथ-साथ मानवता की सेवा के रूप में देखता हूं। वनतारा में हाथियों के लिए एक केंद्र है और यहां शेर और बाघ, मगरमच्छ, तेंदुए सहित कई अन्य बड़ी और छोटी प्रजातियों के लिए सुविधाएं हैं।

वनतारा में एलिफेंट सेंटर 3000 एकड़ परिसर के एक बड़े हिस्से में फैला हुआ है, जिसमें अत्याधुनिक आश्रय स्थल, वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किए गए दिन और रात के बाड़े, हाइड्रोथेरेपी पूल, जल निकाय और हाथियों में गठिया के इलाज के लिए एक बड़ा हाथी जकूज़ी है. यह 200 से अधिक हाथियों का घर है, जिनकी देखभाल पशुचिकित्सकों, जीवविज्ञानी, रोगविज्ञानी, पोषण विशेषज्ञ और प्रकृतिवादियों सहित 500 से अधिक लोगों का विशेष और प्रशिक्षित दल के कर्मचारियों द्वारा चौबीसों घंटे की जाती है।

केंद्र में 25,000 वर्ग फुट का हाथी अस्पताल है, जो दुनिया के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है, जो पोर्टेबल एक्सरे मशीनों, विविध उपचारों के लिए लेजर मशीनों, एक पूरी फार्मेसी, सभी परीक्षणों के लिए एक पैथोलॉजी, और एक आयातित हाथी निरोधक उपकरण से सुसज्जित है। इलाज के लिए, हाइड्रोलिक पुली और क्रेन, हाइड्रोलिक सर्जिकल टेबल और हाथियों के लिए एक हाइपरबेरिक ऑक्सीजन कक्ष भी है। अस्पताल मोतियाबिंद और एंडोस्कोपिक निर्देशित सर्जरी करता है (अपनी तरह के पहले विशेष रूप से डिजाइन किए गए एंडोस्कोपी उपकरण के साथ) और किसी भी आवश्यक सर्जरी को अंजाम देने में सक्षम है।

वनतारा को लेकर Anant Ambani कहते है कि हमने एक पूरा सेवालय बनाया है जहां निस्वार्थ भाव से जानवरों की सेवा की जाती है। हम जानवरों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हम एक दिन उन्हें दोबारा जंगलों में छोड़ पाएं। हम नॉन प्रॉफिट एप्रोच के तहत जानवरों की सेवा करेंगे। दादा धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani), दादी कोकिलाबेन अंबानी, पिता जी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani), माता नीता अंबानी (Nita Ambani) और उनके भाई-बहन, सभी उनके प्रेरणा के स्रोत हैं। अनंत अंबानी ने कहा कि मैं दिन में 1 से दो घंटे जानवरों के साथ रहता हूं और पापा के साथ भी काम करना होता है। राधिका मर्चेंट (Radhika Merchant) को भी मेरी तरह जानवरों से प्रेम है।

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