लोकसभा में गुरुवार को देश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए BJP के एक सदस्य ने इसे एक विडंबना बताई कि हजार रुपये चुराने वाले एक गरीब व्यक्ति और हजारों करोड़ रुपये की चोरी करने वाले एक बड़े उद्योगपति को एक ही सजा दी जाती है। सदन में प्रश्नकाल के दौरान BJP के सत्यपाल सिंह ने कहा, ‘ऐसा क्यों है कि मात्र हजार रुपये चुराने वाले गरीब व्यक्ति और हजारों करोड़ रुपये की कर चोरी करने वाले बड़े उद्योगपति को एक ही सजा दी जाती है?
उन्होंने कहा, ‘यह तो ऐसी ही बात हो गई कि एक खेत को एक बकरी चरे या हाथी लेकिन सजा के रूप में दोनों को एक ही डंडा मारा जाए।’ सत्यपाल सिंह ने कहा, ‘एक डंडे से हाथी को तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन एक डंडे में बकरी मर सकती है।’ उन्होंने कौटिल्य को उद्धृत करते हुए कहा कि कौटिल्य ने न्याय व्यवस्था का यह मूल बताया था कि व्यक्ति को उसकी हैसियत और उसके अपराध की गंभीरता के अनुसार सजा दी जानी चाहिए।
उनके इस सवाल का सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया। हालांकि विधि एवं न्याय मंत्री डी. वी. सदानंद गौडा ने सदस्य के सवाल के जवाब में कहा कि कानूनों में सुधार के लिए सरकार काम कर रही है।