चित्तौड़गढ़। साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान ’संभावना’ ने अपने संरक्षक और सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना की स्मृति में दिए जाने वाले राष्ट्र्रीय सम्मान के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं।
संभावना संस्थान के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मान में स्वतंत्रता आंदोलन, प्राच्य विद्या, गांधी अध्ययन, दलित चिंतन या भारतीय मध्यकालीन साहित्य से सम्बंधित किसी एक कृति को चुना जाएगा। सम्मान के लिए तीन निर्णायकों की एक समिति बनाई गई है जो प्राप्त प्रस्तावों पर विचार कर किसी एक कृति का चुनाव करेगी। आयोजन चित्तौड़गढ़ में संभावना द्वारा किया जाएगा। सम्मान में ग्यारह हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट की जाती है।
व्यास ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन निवासी रामचन्द्र नन्दवाना ने स्वतंत्रता आंदोलन तथा इसके बाद गांधीवादी आन्दोलनों में आजीवन सहयोग दिया। वे गांधी जी की संस्थाओं हरिजन सेवक संघ और चरखा संघ से जुड़े रहे तथा चित्तौड़गढ़ के गाड़ी लौहार सेवा समिति से भी उनका जुड़ाव रहा। वियोगी हरि, ठक्कर बापा और माणिक्यलाल वर्मा के निकट सहयोगी रहे रामचन्द्र नन्दवाना के जन्म शताब्दी वर्ष से सम्मान प्रारम्भ किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 के इस सम्मान के लिए विख्यात आलोचक प्रो माधव हाड़ा की मीरां के जीवन पर लिखी गई कृति ‘पचरंग चोला पहर सखी री’ को चुना गया था। अब तक यह सम्मान प्रो माधव हाड़ा, सुधीर विद्यार्थी, प्रो बजरंग बिहारी तिवारी, सोपान जोशी और प्रो अवधेश प्रधान को दिया जा चुका है।
व्यास ने बताया कि संभावना के सहयोगी डॉ कनक जैन को ’स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान’ का संयोजक बनाया गया है, वे इस सम्मान से सम्बंधित समस्त कार्यवाही का संयोजन करेंगे। सम्मान के लिए प्रविष्टियाँ डॉ जैन को 30 अगस्त 2024 तक उनके पते ( 3, ज्योति नगर, पुलिस लाइन के निकट, चित्तौडगढ़-312001 मो. +91-9413641775 ) पर भिजवाई जा सकेगी।
डॉ कनक जैन
सचिव,
संभावना संस्थान
म-16,हाउसिंग बोर्ड,
कुम्भा नगर,
चित्तौड़गढ़-312001,
मो-09413641775,
ईमेल-sambhawnachittorgarh@gmail.com