भुवनेश्वर। जापान के प्रतिष्ठित एवं प्रख्यात कोयासन विश्वविद्यालय ने 24 जुलाई को अपने परिसर में अपने बहुप्रतीक्षित दौरे के दौरान कीट -कीस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत को औपचारिक रूप से मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की।
लाखों आदिवासी बच्चों का जीवन सँवारने वाले अच्युत सामंत
डॉ. सामंत 100 साल से अधिक पुराने कोयासन विश्वविद्यालय से यह प्रतिष्ठित डॉक्टरेट की मानद डॉक्टरेट प्राप्त करने वाले दूसरे भारतीय हैं। उनसे पहले महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को यह प्रतिष्ठित डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी। यह डॉ. सामंत की 58वीं मानद डॉक्टरेट की उपाधि है।
कोयासन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष सोएदा रयुशो ने ओसाका-कोबे में भारत के महावाणिज्यदूत श्री निखिलेश गिरि और विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में यह उपाधि प्रदान की।
अपने भाषण में सोएदा रयुशो ने कहा कि मानवता के प्रति उनके निस्वार्थ और अथक योगदान के सम्मान और आभार में कोयासन विश्वविद्यालय ने सर्वसम्मति से डॉ. सामंत को यह मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान करने का निर्णय लिया है।
अपने धन्यवाद ज्ञापन में डॉ. सामंत ने कहा, “यह एक ऐसा प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है जिसका इतिहास लगभग 100 साल से अधिक पुराना है। यह मेरे लिए और पूरे भारत के लिए उन्होंने मेरी शिक्षा और सामाजिक सेवा कार्यों के सम्मान में मुझे यह पुरस्कार प्रदान किया है।”