एक सर्वेक्षण में टिकटिंग नीति में बदलाव की मांग करते हुए लोगों ने सरकार से आगामी रेल बजट में तत्काल टिकटों के निरस्तीकरण पर 50 प्रतिशत रिफंड जैसे मुद्दों पर ध्यान देने का सुझाव दिया है।
लोकलसर्किल द्वारा कराए गए सर्वेक्षण ‘रेलवे को बेहतर बनाएं’ में नागरिकों ने टीटीई द्वारा रिश्वत लिए जाने एवं इमर्जेंसी कोटा के दुरुपयोग पर चिंता जताई है। सर्वेक्षण में करीब 63 प्रतिशत नागरिकों को सीट देने या बेटिकट यात्रा के लिए टीटीई द्वारा रिश्वत मांगे जाने के अनुभव से गुजरना पड़ा।
इस ऑनलाइन सर्वेक्षण में करीब डेढ़ लाख नागरिकों ने हिस्सा लिया। इसमें कहा गया, ‘‘यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां नागरिक चाहते हैं कि नीतियों, प्रक्रियाओं और प्रणालीगत बदलाव के जरिए रेलवे को इन मुद्दों का समाधान करना चाहिए अन्यथा टीटीई द्वारा रिश्वत लेने से संगठन को राजस्व का नुकसान होता रहेगा।’’ करीब 17 प्रतिशत नागरिकों ने संकेत दिया कि अंतिम क्षण यात्रा की जरूरत की स्थिति में वे दलाल या एजेंट से संपर्क करते हैं, जबकि अन्य 9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे विशेष कोटा के तहत टिकट हासिल करने के लिए रेलवे में किसी सगे संबंधी से संपर्क करना पसंद करेंगे।
वहीं 62 प्रतिशत ने कहा कि वे आईआरसीटीसी की वेबसाइट का इस्तेमाल करना पसंद करेंगे, जबकि 12 प्रतिशत लोग रेलवे आरंक्षण काउंटर पर जाना पसंद करेंगे।