उज्जैन। अभा वैश्य महासम्मेलन ने डिस्पोजल का उपयोग रोकने के लिए अनूठी पहल की है। इसके लिए 1 लाख थाली खरीदकर उनका बैंक बनाया गया है। यह बैंक सिंहस्थ में अखाड़ों को निशुल्क थालियां उपलब्ध करवाएगा। इससे प्रदूषण में कमी होगी। साथ ही अखाड़ों का खर्च भी बचेगा। महाकुंभ में इस बार 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
विभिन्न् संतों व समाजसेवी संस्थाओं द्वारा इनके ठहरने के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। प्रत्येक शिविर में हजारों श्रद्धालु भोजन करेंगे। ऐसे में डिस्पोजल पर अनावश्यक खर्च होगा। वहीं, वातावरण में प्रदूषण भी बढ़ेगा। उद्योगपति गोविंद खंडेलवाल ने इससे निजात पाने के लिए अभा वैश्य महासम्मेलन के सामने थालियों का बैंक बनाने की योजना प्रस्तुत की।
इस बैंक के माध्यम से विभिन्न् शिविरों से संपर्क कर उन्हें निशुल्क थालियां, गिलास व जग उपलब्ध करवाए जाएंगे। सिंहस्थ के बाद शिविर द्वारा इन्हें पुन: बैंक में जमा करवा दिया जाएगा। महासम्मेलन की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संजीव जैन ने बताया समाजजन के सहयोग से एक लाख थालियों का आर्डर दिया है। इनकी कीमत करीब 70 लाख रुपए है। बैंक के संचालन के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित की है।
करोड़ों की होगी बचत
एक अनुमान के मुताबिक सिंहस्थ में प्रतिदिन औसतन 5 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। इन तीर्थयात्रियों के दोनों समय भोजन के लिए डिस्पोजल की जगह थालियां उपयोग किए जाने से करोड़ों रुपए की बचत हो सकेगी। प्रदूषण भी नहीं होगा।
सिंहस्थ के बाद क्या
वैश्य महासम्मेलन सिंहस्थ के बाद भी इस बैंक को जारी रखेगा। शहर में कई धार्मिक, सांस्कृतिक आयोजन व भंडारों में बैंक से निशुल्क थालियां ली जा सकेंगी।
साभार- http://naidunia.jagran.com/ से