पाकिस्तान में समाजसेवी और ईदी फाउंडेशन के संस्थापक अब्दुल सत्तार ईदी का कराची के एक अस्पताल में निधन हो गया। वो 88 साल के थे। अब्दुल सत्तार ईदी के ईदी फाउंडेशन े ही भारत से गल्ती से पाकिस्तान चली गई गूगी बहरी गीता को आश्रय ही नहीं दिया था बल्कि उसे पूरे हिन्दूरीति-रिवाज़ों को मनाने और पूजा करने की सुविधा दी गई थी।
ईदी की मौत पर पाकिस्तान के साथ-साथ पूरी दुनिया में शोक की लहर है वहीं पाकिस्तान के टीवी चैनल ‘एक्सप्रेस न्यूज’ ने ईदी की कब्र से उनकी मौत की रिपोर्टिंग की थी। कुछ ट्वीट के मुताबिक यह कब्र 25 साल पहले ईदी के गांव में उन्हीं के लिए बनाई गई थी, जिसमें न्यूज एक्सप्रेस के रिपोर्टर ने लेटकर रिपोर्टिंग की है। कुछ ने इस तरह की रिपोर्टिंग पर ही सवाल उठा दिए हैं।