रामगंजमंडी (कोटा). राजस्थान के कोटा में बुधवार को दिलचस्प वाक्या देखने को मिला। कार कंपनी की खराब सर्विस से खिन्न एक व्यवसायी ने 10 लाख रु. की गाड़ी कचरा उठाने के लिए दान कर दी।
कोटा के रामगंजमंडी के मोड़क स्टेशन गांव के ग्राम पंचायत कार्यालय में एक समारोह आयोजित किया गया। इसमें ग्राम प्रधान भगवानसिंह धाकड़ और बीडीओ जगदीश मीणा मौजूद थे।
व्यवसायी राजेश पारेता आए और सरपंच ममता मेवाड़ा को अपनी डस्टर कार की चाबी सौंपते हुए कहा ‘आज से यह गाड़ी आप लोगों की, मेरी बस एक ही शर्त है कि इस कार से केवल कचरा उठाने का ही काम होना चाहिए।’ पारेता की यह बात सुनकर और कार को देखकर वहां मौजूद लोग चौंक गए। दरअसल दान देने से पहले वे खुद ही गाड़ी पर बड़े-बड़े अक्षरों ‘कचरा पात्र वाहन’ लिखवाकर लाए थे।
राजेश पारेता ने बताया कि 2012 में उन्होंने यह डस्टर खरीदी थी। शुरुआत से ही कार के इलेक्ट्रिक सिस्टम और एयर कंडीशन में समस्या थी। साल के 365 में से 200 दिन कार कंपनी के वर्कशॉप में ही पड़ी रही। इसके बाद भी कंपनी वाले कार नहीं सुधार सके। परेशान होकर मैंने इसे गांव का कचरा उठाने के लिए दान कर दिया।
रोल्स रॉयस का किस्सा
मशहूर किस्सा है कि लंदन यात्रा के दौरान अलवर के महाराज जय सिंह सादे कपड़ों में रोल्स रॉयस शोरूम में गए तो उन्हें अपमानित कर निकाल दिया। उन्होंने वापस संदेश भिजवाया की अलवर के महाराजा कार खरीदने आ रहे हैं तो स्वागत में रेड कार्पेट बिछाया गया। उन्होंने वहां खड़ी सभी छह रोल्स रॉयस कारें खरीद लीं। अलवर पहुंचने पर कारों को कचरा उठाने में लगा दिया। कंपनी के माफी मांगने के बाद ही कचरा उठवाना बंद किया।
साभार- दैनिक भास्कर से