'वैकल्पिक राजनीति' की मिसाल बनने की कोशिश में जुटे अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता को बड़ा खतरा मानते हैं। लेकिन मुसलमानों के वोट अपने पाले में करने के लिए केजरीवाल पर्दे के पीछे ऐसे धर्मगुरु से सांठगांठ कर चुके हैं, जिस पर सांप्रदायिक दंगों को भड़काने का आरोप लग चुका है।
पिछले शुक्रवार को केजरीवाल ने बरेली के मौलाना तौकीर रजा खान से मुलाकात की और उनसे दिल्ली विधानसभा चुनाव में समर्थन हासिल किया। यही नहीं, अरविंद ने बरेली के आला हजरत की दरगाह पर माथा भी टेका। मौलाना तौकीर रजा खान आप के समर्थन में दिल्ली में जनसभाएं करने के लिए राजी हो गए हैं। मार्च, 2010 में बरेली में हुए दंगों को भड़काने के आरोप में तौकीर रजा खान की गिरफ्तारी हुई थी। तौकीर को जब रिहा किया गया था, उसके बाद दंगे फिर भड़के थे।
इस समय तौकीर उत्तर प्रदेश सरकार के स्टेट हैंडलूम कॉरपोरेशन के उपाध्यक्ष हैं। उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला हुआ है। तौकीर की अपनी एक राजनीतिक पार्टी इत्तेहाद मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) भी है, जिसने 2012 के विधानसभा चुनाव में एक सीट भी जीती थी। उत्तर प्रदेश में आईएमसी और समाजवादी पार्टी के बीच 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन है। हालांकि, तौकीर का कहना है कि यूपी में सपा के साथ उनका गठबंधन अब भी कायम है। तौकीर के मुताबिक उन्हें अरविंद की सादगी बहुत पसंद आई। मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा, 'अरविंद भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता, दोनों के खिलाफ हैं, इसलिए मैंने उनका समर्थन किया है।'