पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक में मुस्लिम समुदाय की रैली में हुई हिंसा में घायल हुए एक व्यक्ति ने दावा किया कि रैली के दौरान मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए। गोली लगने से घायल हुए 19 साल के तन्मय तिवारी उर्फ गोपाल तिवारी ने इंडियन एक्सप्रेस को मंगलवार को बताया कि रैली में शामिल लोग मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। भीड़ में से कुछ लोग दूसरे समुदाय की दुकानों व घरों को तोड़ रहे थे और जला रहे थे।
गोपाल पुजारी का काम करता है और अभी एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती है। उसने बताया कि जब आगजनी शुरु हुई तो वह कालियाचक पुलिस स्टेशन के पास स्थित शनि मंदिर में कुछेक लोगों के साथ खड़ा था। शुरुआत में हमने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन उनकी संख्या को देखते हुए हमें भागना पड़ा। जब हम भाग रहे थे इसी दौरान किसी ने गोली चलाई जो मेरे बाएं पैर में लगी। इसके बाद एक दोस्त गोपाल को रिश्तेदार के घर ले गया और फिर वहां से मालदा सदर अस्पताल। अस्पताल में डॉक्टर्स ने बताया कि उसके पैर में गोली लगी हुई है लेकिन वे ऑपरेशन नहीं कर सकते। उन्होंने कोलकाता या फिर किसी प्राइवेट नर्सिंग होम जाने को कहा। सोमवार को उसे प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टर्स ने उसकी गोली निकाली। उसके परिवार वाले अब गोपाल के मेडिकल खर्च के लिए मदद मांग कर रहे हैं।
उसके पिता दिहाड़ी मजूदरी करते हैं और परिवार में गोपाल, उसकी बहन और माता-पिता समेत चार लोग हैं। गोपाल के चचेरे भाई धनंजय साहा ने बताया कि हम स्थानीय सांसद अबू हसीम खान चौधरी से आर्थिक मदद के लिए मिलने की सोच रहे हैं। अगर वहां से मदद नहीं मिलती है तो फिर घर को गिरवी रखना होगा। अभी तक किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है। गोपाल की बहन सुपर्णा ने बताया कि वे 45 हजार रुपये का लोन ले चुके हैं। हमें नहीं पता कि उसे अस्पताल से कब छुट्टी मिलेगी। ऑपरेशन, टेस्ट और दवाओं पर हम 45 हजार रुपये खर्च कर चुके हैं। यह रकम हमने दोस्तों और परिवार के लोगों से उधार ली है। गौरतलब है कि अखिल भारत महासभा के नेता कमलेश तिवारी के पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई भड़काऊ टिप्पणी के विरोध में मुसलमानों ने रैली निकाली थी और इस दौरान उन्होंने लगभग दो दर्जन गाडि़यों को आग लगा दी थी, साथ ही कालियाचक पुलिस थाने पर हमला बोल इसे भी फूंक दिया था।
साभार- इंडियन एक्सप्रेस से