कोटा। वीर सावरकर नगर स्थित मदर टेरेसा स्कूल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पुस्तक विमोचन और अक्षर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अथितियों द्वारा मां सरस्वती और भारत माता तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर बंदे मातरम गान के साथ हुआ। कार्यक्रम का आयोजन शिशु भारती एवं मदर टेरेसा शिक्षा समूह और भारत विकास परिषद की चाणक्य शाखा के तत्वावधान में किया गया।
समारोह में अथितियों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विद्वान लेखक योगेंद्र शर्मा की चौथी पुस्तक ” मेरा गांव – मेरा जीवन का अथियों द्वारा लोकार्पण किया गया। साहित्यिक सेवाओं और लेखन में उत्कृष्ठ उपलब्धियों के लिए कोटा के डॉ.प्रभात कुमार सिंघल, विष्णु शर्मा हरिहर, महेश पंचोली, दुर्गाशंकर बैरागी और झालावाड़ के प्रकाश यौवन का मोतियों की माला पहना कर, शाल ओढ़ाकर, श्रीफल भेंट कर के अक्षर अभिनंदन पत्र प्रदान कर अथितियों द्वारा सम्मानित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व महापोर महेश विजय ने कहा की कोटा में जिस प्रकार शिक्षा का वातावरण बन रहा है ऐसे में साहित्यकारों का दायित्व है कि वे विद्यार्थियों के तनाव को दूर करने के लिए साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित करें और आशावादी साहित्य का सृजन करें। अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार जितेंद्र निर्मोही ने कहा कि सहज संवाद ही अच्छे साहित्य की पहचान है। आज राष्ट्रीयता और भारतीयता की महत्ती आवश्कता है और सम्मान में यह भाव छुपे होते हैं। साहित्यकारों को इन भावों को अपने सृजन का मध्यम बना कर हाड़ोती अंचल की लोकनाट्य परंपरा पर सृजनात्मक कार्य करने के लिए आगे आना चाहिए।
समारोह के मुख्य वक्ता कथाकार विजय जोशी ने सम्मानित होने वाली विभूतियों का परिचय और अपने विचार व्यक्त किए। विशिष्ठ अथिति डॉ.प्रभात कुमार सिंघल ने मेरा गांव मेरा जीवन पुस्तक पर प्रकाश डाला। पुस्तक के लेखक योगेंद्र शर्मा ने सभी का स्वागत किया। सम्मानित साहित्यकारों ने काव्यपाठ किया। संचालन करते हुए प्रेम शास्त्री ने पुस्तक के लेखक का परिचय और साहित्यिक सेवाओं की जानकारी दी। समारोह में चाणक्य शाखा के नए सदस्यों का स्वागत भी किया गया।
प्रारंभ में अथितियों द्वारा मां सरस्वती और भारत मां के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर बंदेमातरम गायन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। चाणक्य शाखा के अध्यक्ष भंवर शर्मा ने शाखा कार्यों की जानकारी दी और सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में करीब सो से अधिक साहित्यकार , शिक्षक और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।