बांग्लादेश में पिछले साल विपक्ष द्वारा आहूत बंद के दौरान एक हिन्दू टेलर की हत्या के मामले में अदालत ने सत्ताधारी अवामी लीग के आठ छात्र कार्यकर्ताओं को मौत की सजा सुनाई है। इस मामले में १३ अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने व्यवस्था दी कि दर्जी विश्वजीत दास की हत्या जघन्य अपराध है, इसकी निंदा की जानी चाहिए।
बांग्लादेश कानून के मुताबिक यदि निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए लोग फैसले के खिलाफ अपील नहीं करते हैं तो भी हाई कोर्ट मौत की सजा की समीक्षा करता है। विपक्ष के बंद के दौरान पिछले साल नौ दिसंबर को पुराने ढाका के बहादुर शाह पार्क क्षेत्र में छात्र लीग के कार्यकर्ताओं ने २४ वर्षीय दर्जी विश्वजीत दास को मौत के घाट उतार दिया था। बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) अवामी लीग का छात्र संगठन है। सुतरापुर पुलिस ने इस घटना को लेकर हत्या का मामला दर्ज किया था। दो जून को छात्र लीग के कुल २१ कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। इस हत्याकांड को लेकर सत्ताधारी अवामी लीग की काफी आलोचना हुई थी। फैसले पर प्रतिक्रिया में दास के भाई ने कहा कि हम इससे संतुष्ट हैं, हमें न्याय मिला है।