भोपाल। जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी (जेएलयू) में शुरू हुई दो दिवसीय रीजनल वर्कशॉप के समापन पर शर्मा ने भोपाल के पर्यावरण एवं निरंतर हो रहे हरित विकास को सराहा| उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा के परिपेक्ष्य में नागरिकों के कर्तव्यों पर प्रकाश डाला |
जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी में बायोडायवर्सिटी लॉ एवं एक्सेस और बेनिफिट शेयरिंग विषय पर दो दिवसीय क्षेत्रीय स्तर की वर्कशॉप में दूसरे दिन डॉ पंकज श्रीवास्तव, डायरेक्टर, आईआईएफएम, भोपाल, डॉ राघव श्रीवास्तव, यूएनडीपी प्रतिनिधि, डॉ मोना पुरोहित, सीनियर प्रोफेसर, लॉ विभाग, बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी, डॉ डीपी तिवारी, सीनियर प्रोफेसर उपस्थित रहे |
इस वर्कशॉप का आयोजन जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी ने यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम, नेशनल बायोडायवर्सिटी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया बैंगलोर के साथ मिलकरकिया|
इसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली,राजस्थान, झारखण्ड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और नागालैंड से प्रोफेसर्स, साइंटिस्ट्स और लॉ क्षेत्र के विशेषज्ञों ने दो दिवसीय वर्कशॉप में अपने क्षेत्र सेसम्बंधित जानकारियां साझा की |
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया पर्यावरण बचाना सिर्फ एन्वॉयर्नमेंटल मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी नहीं है, इसमें फर्टिलाइजर्स डिपार्टमेंट का भी सहयोग चाहिए। अभी कर्नाटक में फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज के एक्सपायर्ड ओल्ड ड्रग्स के डिस्पोजल की प्रॉब्लम का हल ढूंढा जा रहा है। असल में हमारी डिस्पोजल टेक्नोलॉजी फुल प्रूफ नहीं है। इसके लिए इंडस्ट्री सेक्टोरियल मिनिस्ट्रीज, रेगुलेशन बना रही हैं, जिसमें एन्वॉयर्नमेंटल मिनिस्ट्री के साथ इससे जुड़ीं सभी मिनिस्ट्रीज भी काम कर रही हैं। जो भी रेगुलेटरी अथॉरिटी हैं,वे सभी लॉ को इम्प्लीमेंट करने की अच्छी कोशिश कर रही हैं।
इस सफल वर्कशॉप की आयोजक टीम में वर्कशॉप डायरेक्टर डॉ जयंत पंडा, सलाहकार प्रो दिवाकर शुक्ल और प्रो. योगेंद्र श्रीवास्तव | इनके साथ ही वर्कशॉप कन्वेनर अंकित सिंह, योगेश पटेल, पूजा कियावत, डॉ रानू तोमर, भावना उपाध्याय शामिल रहे ।
कार्यक्रम के आखिर में सभी प्रतिभागियों की तरफ से बायोडायवर्सिटी एक्ट में संसोधन का प्रस्ताव भी भोपाल डिक्लेरेशन में किया गया