लखनऊ। बाबा भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) लखनऊ की छात्रा रत्ना रावत ने, जिन्होंने यूनिवर्सिटी एमसीए परीक्षा में टॉप कर इसी विश्वविद्यालय में चपरासी के रूप में कार्यरत अपने पिता का सिर ऊँचा कर दिया है। 22 जनवरी को दीक्षांत समारोह में एमसीए टॉपर रत्ना को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया जाएगा।
रत्ना के पिता इसी यूनिवर्सिटी में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। पिता ने अपनी बेटी को बैंक से लोन लेकर पढ़ाया है। अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए पिता ने काफी संघर्ष किया। उनके संघर्ष को केवल इस बात से समझा जा सकता है कि 24 घंटे में सिर्फ एक बार खाना खाते हैं। इतना ही नहीं वे अपनी किसी भी इच्छा को पूरा करने के पहले बच्चों की शिक्षा के बारे में सोचते हैं।
रत्ना अपनी इस सफलता के बाद बीबीएयू से ही पीएचडी करना चाहती हैं। उनका सपना है कि वे प्रोफेसर बनकर अपने पिता का नाम रोशन करें। वे बतातीं हैं कि उनकी पढ़ाई के लिए उनके पिता ने काफी मुसीबतें झेली हैं। प्रोफेसर बनकर वह अपने पिता को वो हर खुशी देना चाहतीं हैं, जो उन्हें आज तक नहीं मिली।
इतना ही नहीं रत्ना अपने भाई-बहन को भी बेहतर शिक्षा देना चाहती हैं। रत्ना कुल पांच भाई-बहन हैं और सभी पढ़ाई कर रहे हैं। वो कहती हैं कि मेरे भाई-बहन भी मेहनत से पढ़ाई करें और सफलता पाएं।