उज्जैन:दुनिया के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे पर इसी साल मार्च से गाडिय़ां दौड़ सकेंगी और उज्जैन से दिल्ली का सफर ट्रेन के मुकाबले जल्दी होने लगेगा। इससे मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली के बीच की दूरी कम हो जाएगी। दिल्ली से जयपुर, भोपाल, उज्जैन और सूरत जैसे शहरों में आना जाना आसान हो जाएगा। खास बात ये कि उज्जैन संभाग का रतलाम एक्सप्रेसवे का सेंटर प्वाइंट होगा।
सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन के अनुसार एक्सप्रेस वे के अंतर्गत सूरत तक का हिस्सा लगभग तैयार हो गया है। बचा हुआ काम मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। मार्च के बाद दिल्ली से सूरत की ओर जाने वाले लोगों को ट्रेन के बजाए सड़क मार्ग विकल्प मिलेगा। दिल्ली बॉर्डर से सूरत तक की दूरी करीब 700 किमी. है। यह दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है। अभी दिल्ली से सूरत तक की रोड 1150 किमी से अधिक है। एक्सप्रेस वे तैयार होने के बाद दूरी 800 किमी के करीब रह जाएगी।
इस तरह करीब 350 किमी दूरी कम हो जाएगी। ट्रेन से जाने में 1121 किमी की दूरी सूरत तक पड़ती है, जिससे सड़क मार्ग की दूरी कम हो जाएगी। वर्तमान में दिल्ली से सूरत तक राजधानी से तय करने में 12 घंटे से अधिक का समय लग जाता है। सामान्य ट्रेनों से और अधिक समय लग जाता है। सड़क मार्ग से 14 घंटे से भी अधिक समय लगता है। दिल्ली से सूरत तक एक्सप्रेस वे से सफर करने पर आठ घंटे या इससे भी कम समय में गतंव्य तक पहुंचा जा सकेगा। इस तरह चार-छह घंटे की बचत होगी। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे हरियाणा के सोहना से शुरू होकर राजस्थान, मध्य प्रदेश से होकर महाराष्ट्र तक जाएगा। इससे जयपुर, अजमेर, किशनगढ़, कोटा, उदयपुर, चित्तोडग़ढ़, सवाई माधोपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, सूरत और आसपास के शहरों की कनेक्टीविटी आसान हो जाएगी।
एक्सप्रेस वे की खास बातें
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे 1,386 किलोमीटर तक फैला हुआ देश का सबसे लंबा बनने वाला एक्सप्रेसवे है।
इसका उद्देश्य दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी कम करना और यात्रा का समय पूरे दिन से आधा घटाकर केवल 12 घंटे करना है।
यह भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जो देश के दो सबसे बड़े फाइनेंशियल हब, यानी राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली और भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई को जोड़ेगा।
8 लेन का यह एक्सप्रेसवे दुनिया का पहला सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है जिसे 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है।
इसके लिए 15 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन का इस्तेमाल किया गया है।
हरियाणा (129 किमी), राजस्थान (373 किमी), मध्य प्रदेश (244 किमी), गुजरात (426 किमी) और महाराष्ट्र (171 किमी) से होकर गुजरेगा।
उम्मीद है जल्द ही मध्यप्रदेश में 244.50 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के इस सेक्शन को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
इंदौर से भी जुड़ेगा एक्सप्रेस वे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से इंदौर को जोडऩे के लिए केंद्र सरकार 3600 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसके लिए देवास, उज्जैन और गरोठ के बीच नया हाईवे बनाया जा रहा है। एनएचएआई हाईवे बना रहा है। पहले चरण में देवास से उज्जैन के बीच 41.42 किमी लंबा हाईवे बनाया जा रहा।
दूसरे फेज में उज्जैन और गरोठ से जोड़ा जा रहा। इसकी लंबाई 136 किलोमीटर होगी। रतलाम दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का सेंटर प्वाइंट होगा। इसकी सीमा के पास बने रेस्ट पाइंट पर ट्रामा सेंटर, होटल, रेस्टोरेंट, फूड कोर्ट तैयार हो चुके हैं। यहां एक हेलिपैड भी बनाया जा रहा है। इमरजेंसी होने पर मरीजों को एयर लिफ्ट किया जा सकेगा।