भारतीय लिपियों में ई-मेल और वेबसाइट एड्रेस बनाने के लिए माहौल बनाने की दिशा में भारत सरकार ‘डॉट इन’ डोमेन खरीदने पर ‘डॉट भारत’ एक साल तक मुफ्त में देगी।
भारत के राष्ट्रीय इंटरनेट एक्सचेंज (निक्सी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव बंसल ने बताया कि हमने इस बारे में रजिस्ट्रार को ‘डॉट इन’ के नाम से पंजीयन कराने वालों को देवनागरी और अन्य भारतीय लिपियों के लिए एक साल तक ‘डॉट भारत’ डोमेन नाम मुफ्त देने के लिए लिखा है।
बंसल ने बताया कि देशभर में ‘डॉट इन’ डोमेन नेम को पहले साल 199 रुपए के शुरुआती मूल्य पर बेचा जाता रहा है। बाद में इसका नवीनीकरण तकरीबन 550 रुपए में होता है।
अभी ‘डॉट भारत’ डोमेन (देवनागरी लिपि में) उन्हीं कुछ कंपनियों को ही बेचा जा रहा है जो कि निक्सी के साथ रजिस्टर्ड हैं। बंसल ने कहा कि भविष्य में इंटरनेट से जुड़ने वाले लाखों हिंदी भाषियों के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है।
भारत सरकार की कोशिश है कि गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियां और देशी कंपनी रेडिफ आपकी पसंदीदा देसी भाषा में ईमेल एड्रेस मुहैया कराएं।
पिछले महीने हुई बैठक में सरकार ने ईमेल सर्विस प्रदाता कंपनियों से कहा कि वे खासतौर पर हिंदी भाषा सहित स्थानीय भाषाओं में ईमेल एड्रेस मुहैया कराए। सरकार का मानना है कि देश में इंटरनेट ग्रामीण इलाकों तक पहुंच रहा है। ऐसे में स्थानीय भाषाओं में कॉन्टेंट और टूल भी यूजर को मुहैया होने चाहिए।
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मंत्रालय में संयुक्त सचिव राजीव बंसल ने बताया कि अगले कुछ साल में दो लाख 50 हजार ग्राम पंचायतों को भारत नेट प्रॉजेक्ट के जरिये हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। ऐसे में तब लोगों इसका इस्तेमाल करने के योग्य हों।