जल्द ही आप अपनी मातृभाषा में अपना ई-मेल आईडी बना सकेंगे। यदि भारत सरकार की योजना कामयाब रहती है, तो गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियां और देशी कंपनी रेडिफ आपकी पसंदीदा देसी भाषा में ईमेल एड्रेस मुहैया कराएंगी।
पिछले महीने हुई बैठक में सरकार ने ईमेल सर्विस प्रदाता कंपनियों से कहा कि वे खासतौर पर हिंदी भाषा सहित स्थानीय भाषाओं में ईमेल एड्रेस मुहैया कराए। सरकार का मानना है कि देश में इंटरनेट ग्रामीण इलाकों तक पहुंच रहा है। ऐसे में स्थानीय भाषाओं में कॉन्टेंट और टूल भी यूजर को मुहैया होने चाहिए।
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मंत्रालय में संयुक्त सचिव राजीव बंसल ने बताया कि अगले कुछ साल में दो लाख 50 हजार ग्राम पंचायतों को भारत नेट प्रॉजेक्ट के जरिये हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। ऐसे में तब लोगों इसका इस्तेमाल करने के योग्य हों।
दरअसल, देश में ऐसे लोगों की संख्या अधिक है, जो अंग्रेजी में पढ़ या टाइप नहीं कर सकते हैं। हालांकि, स्थानीय भाषा में वे काम कर सकते हैं। ऐसे में यदि उन लोगों का स्थानीय भाषा में ई-मेल आईडी हो, तो वे अधिक कुशलता से इसका उपयोग कर सकेंगे।
इस बैठक को बंसल ने आहूत किया था। इसमें उन्होंने कहा कि ई-मेल एड्रेस वह बेसिक टूल है, जिसके जरिये इंटरनेट को एक्सेस किया जा सकता है। इस बैठक में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और रेडिफ जैसी कंपनियों के अधिकारी पहुंचे थे। उन्होंने इस बात पर सहमति जाहिर की है कि देवनागरी जैसे बाकी भाषाओं की लिपि में ईमेल एड्रेस बनाया जा सकता है।
हालांकि, इन कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि सरकार को इसे अनिवार्य बनाने के बजाय इंडस्ट्री को इस मामले में अपनी तरफ से पहल करने देना चाहिए। रेडिफ के चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर वेंकी निश्तला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के बाकी अफसरों को हिंदी ईमेल एड्रेस के जरिये मेल भेजने से कौन रोक रहा है?