प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐप ‘नमो ऐप’ को लेकर देश में बवाल मचा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आरोप है कि इस ऐप से डाटा चुराया जाता है और दुरुपयोग किया जाता है।
बहरहाल, देश में प्रचलित अधिकांश ऐप ऐसे हैं, जो मोबाइल में तभी इंस्टॉल होते हैं, जब यूजर उन्हें फोटो, वीडियो, कॉन्टेक्स्ट्स जैसी कई तरह की जानकारी पर एक्सेस प्रदान करे। यदि आप एक्सेस से इन्कार करेंगे तो वह ऐप इंस्टॉल नहीं होगा। यहां हम ऐसा ही ऐप्स के बारे में बताएंगे।
– मोबाइल में डाउनलोड और इंस्टाल होते ही 22 तरह की जानकारी नमो ऐप के पास चली जाती है। इनमें लोकेशन, फोटोग्राफ, कॉन्टेक्ट्स, माइक्रोफोन और कैमरा भी शामिल है।
– वहीं प्रधानममंत्री ऑफिस का ऐप ‘पीएमओ इंडिया’ 14 तरह की पर्सनल इंफोर्मेशन एक्सेस करता है। MyGov भी तभी इंस्टॉल होता है जब उसे नौ तरह की जानकारी का एक्सेस दिया जाए।
– अमेरिजन इंडिया का ऐप यूजर्स से 17 तरह की जानकारी मांगता है। PayTM ऐप के लिए यह आंकड़ा सबसे ज्यादा 26 है। दिल्ली पुलिस का ऐप भी 25 तरह की जानकारी मांगता है।
22 तरह की डिटेल्स जिस तक पहुंचना चाहते हैं ऐप्स
ये हैं वो 22 तरह की डिटेल्स, जिस तक हर ऐप पहुंचना चाहता है। फोटो, वीडियो, कॉन्टेक्स्ट्स, लोकेशन, आपकी डिवाइस पर इंस्टॉल अलग-अलग तरह के खाते, ऑडियो रिकॉर्ड, फोन स्टेटस, आइडेंटिटी, एसडी कार्ड, वाईफाई कनेक्शन, नेटवर्क कनेक्शन, नेटवर्क एक्सेस, इंटरनेट से रिसीव हो रहा डाटा, ब्लूटूथ डिवाइस, गूगल प्ले, वायब्रेशन, फ्लैशलाइट। नमो ऐप पर 5 मिलियन डाउनलोड हैं और यह सभी 22 डिटेल्स पर एक्सेस मांगता है।
‘डिवाइस एंड ऐप हिस्ट्री’ का एक्सेस पाकर कोई भी ऐप आपके मोबाइल के डाटा तक पहुंच सकता है। वहीं ‘स्टोरेज’ का एक्सेस हासिल कर ये कंपनियां पूरी मेमोरी कार्ड को रीड कर सकती हैं। ये डाटा एडिट कर सकती हैं और डिलीट भी।
लगभग सभी मोबाइल ऐप, फोन और रिमोट सर्वर के बीच डाटा ट्रांसमिट तथा रिसीव करते हैं। इस प्रक्रिया के कारण जोखिम और भी बढ़ जाता है, क्योंकि अधिकांश ऐप सुरक्षित तरीके से नहीं बनाए गए हैं।
आपके बारे में क्या नहीं जानते ये ऐप
अधिकांश यूजर्स ‘I agree’ पर क्लिक करते हैं आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि यह कितना खतरनाक हो सकता है। इन ऐप्स को यूजर्स के बारे में सब जानकारी होती है। नाम के अलावा यूजर का पता क्या है, वो कब-कब सिनेमा हॉल जाता है, उसके खाते किन-किन बैंकों में हैं, वह कब-कब ओटीपी जनरेट करता है, गूगल प्ले स्टोर से उसने अपने मोबााइल में कौन-कौन से ऐप डाउनलोड कर रखे हैं, वह कौन-कौन सी साटइस्ट देखता है, यू-ट्यूप पर कैसे वीडियो देखता है, उसके मोबाइल में कैसे फोटो और वीडियो डाउनलोड हैं..।
परमिशन को ऐसे करें डिसेबल
ऐप्स को दी जाने वाली परमिशन को बदलना आसान है। अपनाएं ये टिप्स –
1. सेंटिंग्स में ऐप्स पर जाएं और जिस ऐप की परमिशन बदलना है, उस पर क्लिक करें।
2. ऐप पर क्लिक करते ही ‘परमिशन’ ऑप्शन नजर आएगा। इस पर क्लिक करते ही आपके सामने लिस्ट आ जाएगी कि आपने किस-किस चीज की परमिशन दी है।
3. यहां आप सारी परमिशन को डिसेबल कर सकते हैं।