जब सरकारी अस्पताल में जगह भर गई तो एनिमिया से पीड़ित 500 से भी ज्यादा बच्चे मध्य प्रदेश के सीधी जिला मुख्यालय में ब्लड टेस्ट के लिए पहुंचे। इस दौरान सीधी के जिला कलेक्टर ने 70 से ज्यादा पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए अपने आधिकारिक आवास में सुविधा मुहैया कराई। सभी बच्चे अब उनके घर पर ही रह रहे हैं और गुरुवार को उन्हें बचा हुआ ट्रीटमेंट दिया जाएगा।
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार एनिमिक बच्चों के लिए दस्तक नाम से एक अभियान चला रही है। अभियान के तहत, एनिमिक बच्चों की पहचान की पहचान करके उन्हें ब्लड टेस्ट के लिए जिला अस्पतालों में लाया जा रहा है और अगर समस्या गंभीर पाई जाती है तो ब्लड ट्रांस्फ्यूजन भी किया जा रहा है।
600 बच्चों का ब्लड ट्रांस्फ्यूजन
बुधवार को सीधी जिले से लगभग 530 बच्चों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मुख्यालय लाया गया। सीधी के जिला कलेक्टर अभिषेक सिंह ने बताया, ‘जिला अस्पताल के अलावा, जहां 200 से ज्यादा बच्चों को भर्ती किया गया है, हमने जिले के कुछ प्राइवेट अस्पतालों और मानस भवन में भी उन्हें भर्ती करने व्यवस्था की।’ अभिषेक ने बताया, ‘इनमें से अतिरिक्त 70 बच्चों को इसलिए मैं उन्हें अपने आधिकारिक आवास ले आया। मुझे अच्छा लग रहा ह कि बच्चे खेल रहे हैं और मैं उनकी कंपनी एंजॉय कर रहा हूं।’
उन्होंने बताया, ‘पिछले एक हफ्ते से अभियान चलाया जा रहा है और अब तक 600 से ज्यादा एनिमिक बच्चों का ब्लड ट्रांस्फ्यूजन हो चुका है। औसतन 100 से 125 बच्चे हर रोज आ रहे हैं।’ उन्होंने आगे बताया, ‘आज टेस्ट हो गए हैं और बचा हुआ ट्रीटमेंट गुरुवार को मुहैया कराया जाएगा। वह मेरे आवास में अपनी मां और रिश्तेदार के साथ रह रहे हैं।’