मुम्बई, 22 जुलाई, 2021: मुम्बई जैसे तमाम महानगरों में उपभोक्तावाद के बढ़ते चलन को देखते हुए डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ़ कंपनीज (DPGC) की सहायक कंपनी डीपी रिटेल ने आधिकारिक तौर पर रिटेल क्षेत्र में उतरने का ऐलान किया. इसी के साथ डीपी रीटेल ने मुम्बई के डीएन नगर, अंधेरी (पश्चिम स्थित) , में एक भव्य स्टोर का उद्घाटन भी किया. उल्लेखनीय है कि डीपी रीटेल के इस भव्य स्टोर का उद्घाटन बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री हुमा कुरैशी ने किया. उल्लेखनीय है कि कंपनी की ओर से जल्द ही भांडुप, गोरेगांव, जोगेश्वरी, सायन और वर्ली इलाकों में भी अपने स्टोर खोले जाएंगे.
डीपी रिटेल का अंधेरी स्थित पहला स्टोर 25,000 वर्ग फुट में पसरा है. यहां पर राष्ट्रीय, क्षेत्रीय स्थानीय स्तर के और निजी लेबल के गुणवत्तापूर्ण ब्रांड किफायती दामों व प्रमोशन स्कीमों के साथ उपलब्ध होंगे. उल्लेखनीय है कि डीपी रिटेल का लक्ष्य अगले कुछ सालों में 50 लाख वर्गफ़ुट क्षेत्र को अधिग्रहित कर देशभर में अपनी विशेष मौजूदगी दर्ज कराना है.
उद्घाटन समारोह के बाद में मीडिया से बात करते हुए डीपीजीसी के ग्रुप सीईओ राजा रॉय चौधरी ने कहा, “रिटेल के क्षेत्र में विश्व में भारत का स्थान पांचवां है. डीपी रीटेल के जरिए हम देशभर में उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम साबित होंगे. आज डीपी रिटेल का पूरी तरह से स्व-अधिकार वाला पहला एक्सक्लूसिव मेगा-स्टोर का उद्घाटन किया गया जो 2500 वर्ग फुट में फैला हुआ है. शहर में खोले जाने वाले अन्य 5-6 स्टोर्स का वर्गफल 500-600 वर्ग फुट होगा. उल्लेखनीय है कि अगले कुछ सालों में हमारा लक्ष्य देशभर में 50 लाख वर्ग फुट जगह को अधिग्रहित कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराना है.
डीपी रिटेल स्टोर का उद्घाटन करते हुए बेहद खुश नजर आ रहीं अभिनेत्री हुमा कुरेशी ने कहा, “मुंबई में डीपीजीसी के पहले मेगा स्टोर का उद्घाटन करना मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है. यकीनन इस स्टोर में ग्राहकों को खरीदारी का अनूठा अनुभव हासिल होगा. मुझे पूरा विश्वास है कि डीपी रिटेल अपने सुदृढ़ नेटवर्क के माध्यम से सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों से गुणवत्तापूर्ण संसाधन हासिल कर ग्राहकों को बढ़िया किस्म की सेवाएं प्रदान करेगा. इतना ही नही, कंपनी का बिजनेस मॉडल ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियानों के आधार पर तैयार किया गया है.”
डीपी रीटेल की योजना वित्तीय वर्ष 2021 में भारत के कई शहरों में 1000 करोड़ रुपये का निवेश करने की है. तमाम किस्म के रीटेल बिजनेस में अपनी जगह बनाने के उद्देश्य से और बाजार में अपनी पैठ बनाने के लिए कंपनी की ओर से विशेष तौर से 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है. इसमें नवीनतम फ्रेंचाइस मॉडल का भी समावेश है.
उन्होंने इस संदर्भ में कहा, “हाल ही में हमने लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए एक भव्य रोजगार योजना की शुरुआत की है. हमारा लक्ष्य अगले 2-3 सालों में 1.25 लोगों को रोजगार मुहैया कराना है. हमारी महत्वाकांक्षी योजना है कि हम देश भर में कुल 40 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएं और इसमें DP रीटेल की हिस्सेदारी सबसे बड़ी होगी.”
डीपी रिटेल अपनी सृदृढ़ ख़रीद नीति के तहत स्थानीय उत्पादनकर्ताओं, व्यापारियों, निर्माताओं और लोगों के कौशल विकास को बढ़ावा देगा ताकि उनके प्रभाव क्षेत्र में इज़ाफ़ा हो उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं के लिए श्रेष्ठ कीमत हासिल हों.
कंपनी के ग्रुप सीईओ ने इसपर अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा, “हमारी यह नीति ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी. हम हर महीने में एक मिलियन (10 लाख) उत्पादन, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग क्षमता वाले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना करेंगे जिससे DP की सप्लाई चेन सुदृढ़ साबित हो. कंपनी का इतिहास रहा है कि वो शुरुआती दौर में भारी छूट देकर उपभोक्ताओं का दिल जीत लेती है और इस बार भी कंपनी कुछ इसी तरह की नीति अपनाएगी जो उसके पक्ष में काम करेगी.”
डीपी रिटेल फैशन को छोड़कर फ़ूड, स्वास्थ्य, वेलनेस जैसे अन्य क्षेत्रों में अपनी देशव्यापी मौजूदगी दर्ज़ कराने के लिए आतुर है. पारंपारिक भारतीय उत्पादों व मूल्यों पर भी कंपनी की ओर से विशेष लक्ष्य केंद्रित किया जाएगा. कीमतों, मार्केटिंग, खरीद नीति, सोर्सिंग, मर्केंडाइजिंग और नवीनतम टेक्नोलॉजी को अपनाना कंपनी द्वारा संचालित किए जाने वाले कारोबार की अहम नीतियों में शामिल है. देशभर में अपने स्टोर्स की स्थापना के ज़रिए कंपनी आर्थिक विकास और रोज़गार के निर्माण की श्रृंखला तैयार करेगी.
उल्लेखनीय है कि अब मुम्बई में रहनेवाला कोई भी शख़्स देश के किसी भी हिस्से से ताल्लुक रखनेवाले पारंपारिक भोजन का लुत्फ उठा सकता है. इन स्टोर्स में सभी ब्रांड के ड्राय फ़्रूट, स्वास्थ्य व खाने संबंधी उत्पाद और अन्य स्थानीय उत्पाद भी उपलब्ध होंगे.
डीपीजीसी के बारे में:
डीपीजीसी की स्थापना 1996 में की गई थी जो 6.4 बिलियन डॉलर मूल्य की कंपनी है और इससे 25 सहयोगी कंपनियां जुड़ी हुईं हैं. पिछले कुछ सालों में कंपनी ने डार्विन प्लेटफॉर्म कैपिटल, डार्विन प्लेटफॉर्म होल्डिंग और डार्विन प्लेटफॉर्म इंफ़्रास्ट्रक्चर के साथ मिलकर विभिन्न सेक्टरों में उल्लेखनीय प्रगति की है. इनके अलावा, इस समूह के मातहत काम करनेवाली सहायक कंपनियां बैंकिंग, स्वास्थ्य, उड्डयन, रिएलिटी, एनर्जी, मास मीडिया और आईटी जैसे सेक्टरों में भी अपना दखल रखती हैं नवीनतम किस्म के बिज़नेस मॉडल को अपनाते हुए यह समूह अब रीटेल और डिफ़ेन्स प्रोडक्शन सेक्टर में भी प्रवेश कर गया है. उल्लेखनीय है कि इस कंपनी की ओर से गुणवत्ता, कीमत, उपलब्धता, मार्केंटिंग, सोर्सिंग, मर्केंडाइज़िंग के स्तर पर नवीनता का विशेष ख़्याल रखा जाएगा और यही उसकी विशेष पहचान भी होगी. देश के लिए सबसे बड़े स्तर पर रोज़गार पैदा करनेवाली इस योजना का मक़सद रोज़गार और संपत्ति के अवसरों को बढ़ाते हुए एक मज़बूत मुल्क का निर्माण करना है.
शुरुआत में डीपीजीसी देश भर में अपने साथ जुड़े सभी 1.25 बिज़नेस एसोसिएट्स को हर महीने 15000-20000 रुपये का मासिक वेतन दर देगा. इस समूह का लक्ष्य देश के सभी 28 राज्यों और दिल्ली, चंडीगढ़ जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में 1.25 लाख लोगों के लिए रोज़गार अथवा आय उत्पन्न करने के अवसरों का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाना है.