गांव से विद्यालय की दूरी और आवागमन के साधन के अभाव में 7 छात्राएं 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़ रही थीं। लेकिन सहायक अध्यापक ने लोन लेकर वैन खरीदी और छात्राओं को स्कूल छोड़ने के लिए दे दी। अब छात्राओं को निशुल्क विद्यालय तक लाया-लेजाया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के बड़नगर तहसील के भाटपचलाना संकुल अंतर्गत ग्राम भूवासा में कक्षा 8वीं तक विद्यालय है। यहां सहायक अध्यापक विनोद पंवार पदस्थ हैं। इस वर्ष गांव की 7 छात्राएं पास होकर कक्षा 9वीं में पहुंची, लेकिन हाईस्कूल 6 किमी दूर होने से उनका आगे पढ़ना मुश्किल था। वहां जाने के साधन भी गांव से नहीं थे। इस बात की जानकारी जब पंवार को लगी तो उन्होंने छात्राओं के पढ़ने के सपने को पूरा करने के लिए 2 लाख का लोन लेकर वैन खरीदी। अब वे छात्राओं को निशुल्क स्कूल आने-जाने की सुविधा देते हैं। पंवार ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि 3 लाख 6 हजार स्र्पए में वाहन खरीदा है। गाड़ी का पूजन भी उन्होंने छात्राओं से कराया।
एक छात्रा की पढ़ाई की भी ली जिम्मेदारी
आदिवासी वर्ग की बालिका पार्वता पिता रमेश आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण पढ़ाई छोड़ रही थी। पंवार ने छात्रा का कक्षा 9 से 12वीं तक की पढ़ाई का संपूर्ण खर्च उठाने की भी जिम्मेदारी भी ली है।
साभार – दैनिक नईदुनिया से