Tuesday, November 19, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेभारत सरकार के विभाग हिन्दी के सबसे बड़े दुश्मन

भारत सरकार के विभाग हिन्दी के सबसे बड़े दुश्मन

भोपाल(मध्‍यप्रदेश)। पीएम नरेन्द्र मोदी का डिजिटल सपना सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्‍दी अनिवार्य होने के बाद ही पूरा हो पाएगा। कारण कि आज हिंदी में कई सॉफ्टवेयर उपलब्‍ध हैं, इसके बावजूद बैंक, बिजली विभाग, भारतीय बीमा जैसी कंपनियां आज भी हमें अंग्रेजी में बिल और पॉलिसी दे रही हैं। यह बात विश्व हिन्‍दी सम्मेलन में आए सी-डैक जीएसटी कंपनी के डायरेक्टर महेश कुलकर्णी ने कही।

उन्होंने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकार की कुल 9 हजार वेबसाइट हैं, लेकिन इनमें अधिकांश वेबसाइट पहले अंग्रेजी में खुलती है। हिन्‍दी में देखने के लिए अलग से क्लिक करना होता है। जबकि हमारे यहां की हर वेबसाइट पहले हिन्‍दी में खुलना चाहिए। सी-डैक के डायरेक्टर कुलकर्णी ने कहा कि हमारी कंपनी ने हिन्‍दी सहित भारत की 22 क्षेत्रीय भाषा में सॉफ्टवेयर तैयार किए हैं।

इसके अलावा हमने एपसन प्रिंटर्स तैयार किया है जो अंग्रेजी को हिन्‍दी में प्रिंट देता है। इन सबके बावजूद हमारी सबसे बड़ी समस्या जागरूकता की है। लोगों को पता ही नहीं है कि हिन्‍दी में भी साफ्टवेयर हैं, वे कम्प्यूटर और स्मार्ट फोन का उपयोग करना यानि अंग्रेजी का ज्ञान होना जरूरी मानते हैं। इसके लिए तकनीक, मानव संसाधन और उपयोगकर्ता को एक साथ चलना होगा तभी डिजिटल इंडिया को जमीन पर उतार पाएंगे।

गूगल, एपल, माईक्रोसॉफ्ट सहित अन्य कंपनियों की वेबसाइट पहले अंग्रेजी में बनती है, बाद में इनका अनुवाद हिंदी में किया जाता है। जब कंपनियों के उपयोगकर्ता हिंदी भाषी हैं तो कंपनियों को सीधे हिन्‍दी में वेबसाइट बनाने के लिए अनिवार्यता करना होगी। उन्होंने कहा कि इसका दूसरा पहलू भी यह है कि हमें दिखाई जरूर देता है कि हिन्‍दी उपयोगकर्ता अधिक हैं, लेकिन वाकई में हिन्‍दी कितने लोग पढ़ते लिखते हैं। मैं अपने आप का उदाहरण देकर कहता हूं कि मैंने पिछले 20 सालों में हिन्‍दी नहीं लिखी। ऐसे में हिन्‍दी को जब तक पेट की भाषा यानि रोजगार से नहीं जोड़ा जाएगा तब तक इसके उपयोगकर्ता नहीं बढेंगे।

हमारी कंपनी का हिन्‍दी पर जोर

आज देश में डिजिटल इंडिया लहर बन चुकी है। हमारी कंपनी हिन्‍दी में साफ्टवेयर बनाने का काम वर्ष 2000 से कर रही है। अभी हम सरकारी से सरकार के बीच, सरकार से आम जनता के बीच और व्यवसाय से व्यवसाय के बीच हिन्‍दी में काम करने का सॉफ्टवेयर बना चुके हैं। इंग्लिश को हिन्‍दी में अनुवाद कर हिन्‍दी भाषियों के बीच कम्प्यूटर और स्मार्ट फोन पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

आलोक लाल, प्रबंधक माईक्रोसॉफ्ट

हिन्‍दी भाषियाें के लिए हमने बनाए स्मार्ट फोन

पीएम के डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने में हमारी गूगल कंपनी पूरी तरह से हिन्‍दी पर काम कर रही है। हमने हिन्‍दी उपयोग करने वाले ग्राहकों को देखते हुए स्मार्ट फोन बनाए हैं। इनमें आप चाहे तो हाथ से हिन्‍दी लिखकर मैसेज कर सकते हैं। या फिर हिन्‍दी की-बोर्ड को डाउनलोड कर मैसेज टाईप कर सकते हैं।

इसके अलावा आप अपने आवाज से हिन्‍दी संदेश भेज सकते हैं। इतना ही नहीं गूगल पर जाकर आप हिन्‍दी में गूगल नक्शे का उपयोग कर अपने शहर का ट्रैफिक देख सकते हैं। इसके अलावा हम अपने सॉफ्टवेयर को ओर विकसित कर इसे हिन्‍दी में उपयोग करने में आसान बना रहे हैं।

ऋचा सिंह, सीनियर प्रोग्राम मैनेजर गूगल

साभार- http://naidunia.jagran.com/ से

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार