इंदौर के 73 साल के डॉक्टर धीरज गांधी (कार्डियोलॉजिस्ट) और 70 साल की उनकी पत्नी चंद्रकांता। शहर के पॉश इलाके साउथ तुकोगंज में इनका आलीशान बंगला है। लेकिन तीन साल से दोनों बंगला छोड़ शहर से 14 किमी दूर ह्रींकारगिरि के पास रिंजलाय गांव के फॉर्म हाउस में रह रहे हैं। इसकी वजह है गांव के बच्चे। दरअसल, गांधी दंपती इन 40 से 45 बच्चों को यहां पढ़ाते हैं। फॉर्म हाउस में ही रोज स्कूल लगता है। रविवार के दिन इनके डॉक्टर बेटे तरुण भी अपनी बेटी-पत्नी के साथ दिनभर इन बच्चों के साथ रहते हैं। खेल-खेल में बच्चों को देश-दुनिया की जानकारी देते हैं और जिंदगी को कैसे कामयाब बनाएं, उन्हें टिप्स देते हैं।
अब ये बच्चे ही इनका परिवार है
– चंद्रकांता कहती हैं कि तीन साल पहले वे एक दिन के लिए फॉर्म हाउस आई थीं। देखा बच्चे फटे कपड़ों में बिना जूते-चप्पल स्कूल जा रहे हैं।
– उनसे बातचीत की तो पता चला कि उन्हें सामान्य ज्ञान भी नहीं है। कुछ दिन बाद हम पति-पत्नी यहां आकर रहने लगे। इस दौरान कुछ बच्चों को घर बुलाया और खाना खिलवाया। उन्हें गिफ्ट दिए।
– धीरे-धीरे बच्चे घर आने लगे तो उन्हें खेल-खेल में पढ़ाने लगे। अभी करीब 45 बच्चे-बच्चियां पढ़ने आते हैं। उन्हें पढ़ाने में काफी खुशी मिलती है।
– सभी बच्चे उनके परिवार की तरह हो गए हैं। उनके साथ समय कब निकल जाता पता ही नहीं चलता।
दुबई से लाए बस्ता, हर संडे मनाते हैं पिकनिक
डॉ. तरुण कहते हैं कि वे दुबई गए तो सभी बच्चों के लिए बस्ते लाए। जब भी कहीं बाहर जाते हैं तो बच्चों के लिए कुछ न कुछ लाते हैं। हर संडे की छुट्टी इनके साथ ही बितती हैं। बच्चों को पिकनिक भी ले जाते हैं।
कई बच्चों ने अपने पिता की शराब छुड़वा दी
– ये बच्चे अब रिंजलाय गांव के लिए आइडियल बन गए हैं। रोज सुबह माता-पिता के पांव छूते हैं। पिता को शराब नहीं पीने देते।
– घर व आसपास साफ-सफाई के साथ गार्डनिंग करते और पढ़ाने के लिए दूसरों के लिए प्रेरित भी करते हैं।
– इनमें से कोई बच्चा डॉक्टर बनना चाहता है, कोई इंजीनियर तो कोई कलेक्टर।
साभार- http://www.bhaskar.com/ से